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कपिल सिब्बल का दावा – ‘निष्क्रिय’ व ‘विफल’ संस्था है निर्वाचन आयोग

कपिल सिब्बल का दावा – ‘निष्क्रिय’ व ‘विफल’ संस्था है निर्वाचन आयोग

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नई दिल्ली, 23 मार्च। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने निर्वाचन आयोग को ‘‘निष्क्रिय’’ और ‘‘विफल’’ संस्था करार देते हुए दावा किया है कि लोगों के एक बड़े वर्ग को आयोग पर भरोसा नहीं है क्योंकि उसने ‘‘अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों के अनुसार अपने कार्यों का निर्वहन नहीं किया।’’

कपिल सिब्बल ने एक समाचार एजेंसी को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि निर्वाचन आयोग पर अविश्वास के मुद्दे से जितनी जल्दी निबटा जाएगा, लोकतंत्र के बचने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

सिब्बल ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस द्वारा लगाए गए मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग एक निष्क्रिय निकाय है। निर्वाचन आयोग ने अपने उन दायित्वों के अनुसार अपने कार्यों का निर्वहन नहीं किया है, जिसकी संविधान के तहत उससे अपेक्षा की जाती है।’’

राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य सिब्बल ने कहा कि निर्वाचन आयोग आज एक ‘‘विफल संस्था’’ है और इस देश के लोगों के एक बड़े वर्ग को इस पर कोई भरोसा नहीं है। सिब्बल ने कहा, ‘‘इसलिए, हम जितनी जल्दी इस मुद्दे से निपटेंगे, लोकतंत्र के बचने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष को संदेश यह है कि ईवीएम के अलावा भी कुछ ऐसे गंभीर मुद्दे हैं जो वास्तव में यह दर्शाते हैं कि चुनाव की प्रक्रिया में गड़बड़ी है।’’ उन्होंने दावा किया कि जो नतीजे आए हैं, वे कई स्तरों पर हेरफेर का नतीजा हो सकते हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा, ‘‘हमें इस मुद्दे का मिलकर समाधान करने की जरूरत है।’’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और I.N.D.I.A. (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन में शामिल अन्य दल मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी का लगातार आरोप लगाते रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा था कि 4,000 से अधिक निर्वाचन अधिकारी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर के लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए सर्वदलीय बैठकें कर रहे हैं।

आयोग ने शिकायतों के समाधान के लिए हाल ही में राज्यों में राजनीतिक दलों के साथ कई स्तरों पर बातचीत करने का निर्णय लिया था, जिसके परिणामस्वरूप ये बैठकें हो रही हैं। शीर्ष चुनाव निकाय ने अब मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की संभावना तलाशने और मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्राधिकरणों को शामिल करने का भी फैसला किया है।

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