मनसे के दीपोत्सव कार्यक्रम में बोले जावेद अख्तर – ‘भारत में हिन्दू संस्कृति और परंपरा के कारण लोकतंत्र मौजूद है’
मुंबई, 10 नवम्बर। ख्यातिलब्ध गीतकार व पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने जोर देकर कहा है कि हिन्दू हमेशा सहिष्णु रहे हैं और भारत में लोकतंत्र हिन्दुओं के कारण ही अस्तित्व में है। जावेद अख्तर ने यहां शिवाजी पार्क में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से की ओर से आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में यह वक्तव्य दिया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनेच्या दीपोत्सवाचं हे अकरावं वर्ष. दरवर्षी प्रथेप्रमाणे ‘वसुबारस’च्या दिवशी ह्या सोहळ्याची सुरुवात करतो. दरवर्षी वेगवेगळ्या मान्यवरांच्या हस्ते ह्या सोहळ्याची सुरुवात होते. ह्यावर्षी प्रसिद्ध पटकथा लेखक जोडी ‘सलीम साहेब आणि जावेद साहेब’ ह्या दोघांच्या हस्ते… pic.twitter.com/RnpSbRt9xB
— Raj Thackeray (@RajThackeray) November 10, 2023
अख्तर ने कहा, ‘कुछ लोग हमेशा असहिष्णु रहे हैं। हिन्दू ऐसे नहीं हैं। उनके पास उदार और बड़े दिल वाले होने का महान गुण है। इसे मत खोएं, अन्यथा आप दूसरों की तरह बन जाएंगे। भारत में हिन्दू संस्कृति और परंपरा के कारण लोकतंत्र मौजूद है।’
‘भगवान राम और सीता की भूमि पर जन्म लेकर खुश हूं‘
स्वयं को नास्तिक करार देने वाले अख्तर ने यह भी कहा कि वह भगवान राम और सीता की भूमि पर जन्म लेकर खुश हैं। दर्शकों को व्यापक दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, ‘रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है।’ कार्यक्रम में उन्होंने ‘जय सिया राम’ का नारा भी लगाया। कथित तौर पर उन्होंने कार्यक्रम में कहा, “मैं नास्तिक हूं, लेकिन मर्यादा पुरूषोत्तम राम का बहुत सम्मान करता हूं। भगवान राम हमारी संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा हैं। रामायण भी हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसीलिए मैं कार्यक्रम में भाग लेने आया हूं। जब भी हम बात करते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम, केवल भगवान श्री राम और सीता ही मन में आते हैं।’
वर्तमान परिदृश्य पर विचार करते हुए अख्तर ने कहा कि अगर शोले आज बनाई जाती तो विवाद खड़ा हो जाता। उन्होंने कहा, ‘अगर हमारी फिल्म शोले आज के समय में बनी होती तो मंदिर के दृश्य पर विवाद होता। शायद सलीम साहब और मैं वह दृश्य नहीं लिख पाते।’ इस कार्यक्रम में उनके साथ सलीम खान भी मौजूद थे। हिन्दी फिल्म जगत की प्रसिद्ध सलीम-जावेद की जोड़ी ने ‘शोले’ सहित बॉलीवुड की कुछ सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों की पटकथा लिखी है।