1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. एलजी मनोज सिन्हा बोले – कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी, घाटी में पत्थरबाजी अब इतिहास की बात
एलजी मनोज सिन्हा बोले – कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी, घाटी में पत्थरबाजी अब इतिहास की बात

एलजी मनोज सिन्हा बोले – कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी, घाटी में पत्थरबाजी अब इतिहास की बात

0
Social Share

श्रीनगर, 19 अगस्त। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घाटी के ताजा हालात और लगातार हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर कहा है कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत करने की जरूरत नहीं हैं। कश्मीर में पाकिस्तान का अब कोई प्रभाव नहीं है और वह समय गया, जब पाकिस्तान से जारी फरमान पर कश्मीर में दुकानें बंद हो जाती थीं।

‘अगर बात करनी है तो यहां के लोगों, नौजवानों से बात होगी

एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, ‘अब दिल्ली या जम्मू-कश्मीर का प्रशासन शांति खरीदने में नहीं बल्कि शांति स्थापित करने में विश्वास करता है। अगर बात करनी है तो यहां के लोगों से बात होगी। यहां के नौजवानों से बात करनी है। हम पाकिस्तान से बात करने की न जरूरत समझते हैं, न उससे कुछ होने वाला है।’

मनोज सिन्हा ने ‘बीबीसी हिन्दी’ को दिए एक साक्षात्कार में घाटी में लगातर हो रही टारगेट किलिंग और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं को आतंकवादी हमला कहा। उन्होंने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 लागू था, तब तक यहां देश की संसद में बने कानूनों का फायदा आम नागरिकों को नहीं मिलता था। शिक्षा का अधिकार जैसे कानून कश्मीर में नहीं लागू होते थे। लेकिन अब 890 ऐसे कानून हैं, जो जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गए हैं।

आतंकवादी हमलों को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए

घाटी में कश्मीरी पंडितों को लगातार निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर एलजी ने कहा, ‘यह सच है कि कुछ कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाते हुए हमले हुए हैं, लेकिन आतंकवादी हमलों को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। आतंकवादी हमलों में कश्मीरी मुसलमानों की भी जान गई है। पहले यहां सड़कों पर 125-150 निर्दोष लोग मारे जाते थे, पिछले तीन वर्षों में एक भी व्यक्ति सुरक्षा बलों की गोलियों से नहीं मारा गया है।’

घाटी के नागरिक और नौजवान अब देश के लोगों के साथ जुड़ना चाहते हैं

मनोज सिन्हा ने कहा कि घाटी में पत्थरबाजी और हड़ताल अब इतिहास की बात हो गई है। नागरिक और नौजवान इन बातों से अब ऊब गए हैं और वो देश के लोगों के साथ जुड़ना चाहते हैं। हालांकि अब भी थोड़ी संख्या में तत्व हैं, जो पड़ोसी देश के इशारे पर काम करते हैं और इस तरह की बातें फैलाते हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code