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आईओए का फैसला – अध्यक्ष बृजभूषण सहित डब्ल्यूएफआई पर तत्काल प्रभाव से रोक, 45 दिनों में होंगे चुनाव

आईओए का फैसला – अध्यक्ष बृजभूषण सहित डब्ल्यूएफआई पर तत्काल प्रभाव से रोक, 45 दिनों में होंगे चुनाव

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नई दिल्ली, 13 मई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव का परिणाम आते ही राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा एक्शन देखने को मिला, जब भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने शनिवार को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के सभी निवर्तमान पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से महासंघ के किसी भी प्रशासनिक समारोह में हिस्सा लेने और आर्थिक कामकाज पर रोक लगा दी। यानी  कि अब बृजभूषण शरण सिंह तकनीकी रूप से डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष नहीं रहे। आईओए का यह फैसला जंतर-मंतर पर पिछले 21 दिनों (23 अप्रैल) से जारी देश के शीर्ष पहलवानों के धरने के मद्देनजर अहम माना जा रहा है।

कुश्ती महासंघ से वेबसाइट का लॉगिन भी तत्काल मांगा गया

आईओए ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है। बयान में खेल मंत्रालय के 24 अप्रैल, 2023 के दिए आदेश का हवाला दिया गया है। इस क्रम में आईओए ने डब्ल्यूएफआई से सभी दस्तावेज, खातों और विदेश में होने वाली या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भेजी जाने वाली एंट्री का लॉगिन, वेबसाइट संचालन तत्काल सौंपने को कहा है।

बयान में कहा गया है कि तदर्थ समिति ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि आईओए की ओर से नियुक्त तदर्थ समिति खेल संहिता के तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी। तदर्थ समिति के अस्तित्व में आने के साथ ही WFI के निवर्तमान पदाधिकारियों की महासंघ के किसी भी काम (प्रशासनिक, आर्थिक मामलों या अन्य) में कोई भूमिका नहीं होगी। इसी क्रम में समिति 45 दिनों के अंदर कुश्ती महासंघ का नया चुनाव कराएगी।

बयान में यह भी कहा गया, ‘डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे वेबसाइट प्रबंधन, वित्तीय साधनों, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए प्रविष्टियां करने के लिए लॉगिन विवरण आदि समेत सभी आधिकारिक दस्तावेजों को तत्काल तदर्थ समिति को सौंप दें।’

खेल मंत्रालय ने महासंघ को पहले ही कानूनन अमान्य घोषित कर दिया था

गौरतलब है कि खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को Null And Void (कानूनन अमान्य) घोषित कर कर दिया था। खेल मंत्रालय ने आईओए की अस्थायी समिति को महासंघ के चुनाव कराने और उसके संचालन का जिम्मा भी सौंप दिया था। आईओए का यह फैसला ऐसे समय आया है, जिस दिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। चुनाव नतीजों में भाजपा के हाथ से कर्नाटक की सत्ता फिसल गई है और प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है।

बृजभूषण ने एक दिन पहले दिल्ली पुलिस के सामने दर्ज कराया था बयान

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले शुक्रवार को ही बृज भूषण शरण सिंह ने दिल्ली पुलिस के पास अपने बयान दर्ज कराए थे, जिसमें उन्होंने खुद को बेगुनाह बताया था। बृज भूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

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