नई दिल्ली, 20 जनवरी। अरुणाचल प्रदेश में कथित तौर पर चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा 17 वर्षीय भारतीय किशोर मिराम तारोन को अगवा कर बंदी बना लेने की सूचना के बाद भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने हॉटलाइन के माध्यम से तुरंत पीएलए से संपर्क किया। इस क्रम में सेना ने प्रोटोकॉल के अनुसार का पता लगाने एवं उसे वापस करने के लिए पीएलए से सहायता मांगी है। पीआरओ, रक्षा तेजपुर ने यह जानकारी दी।
अरुणाचल प्रदेश के सांसद तपीर गाओ ने लगाई मदद की गुहार
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ ने तपीर गाओ ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने दावा किया कि जिदो गांव के रहने वाले मिराम तारोन का मंगलवार, 18 जनवरी को अपहरण कर चीनी सैनिकों ने उसे बंदी बना लिया।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऊपरी सियांग जिले के सियुंगला क्षेत्र में भारतीय सीमा के अंदर से को मिराम को चीनी सैनिक उठाकर ले गए हैं। मिराम का दोस्त पीएलए के चंगुल से भाग निकला और अधिकारियों को इसकी सूचना दी। गाओ ने भारत सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि युवकी की जल्द रिहाई के लिए कदम उठाएं।
जिदो गांव का निवासी मिराम शिकारी है
गौरतलब है कि लुंगटा जोर वही भारतीय क्षेत्र है, जहां चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर लिया था। चीनी सैनिकों द्वारा अगवा किया गया मिराम और उसका दोस्त दोनों स्थानीय शिकारी हैं और जिदो गांव के रहने वाले हैं।
तपीर गाओ ने कहा कि घटना उस स्थान के पास हुई, जहां त्सांगपो नदी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है। त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है। गाओ ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक को घटना से अवगत करा दिया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक काररवाई करने का अनुरोध किया है।