चीन में नए वायरस HMPV की पहचान के बाद भारत सतर्क, स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा निगरानी
नई दिल्ली, 3 जनवरी। दुनियाभर में हाहाकार मचा देने वाली कोविड-19 महामारी के स्त्रोत चीन में पांच वर्षों बाद एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) की पहचान के बाद भारत सरकार भी सतर्क हो गई है और स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाला नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) इस पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। एनसीडीसी ने कहा, ‘हम हालात पर बराबर नजर बनाए हुए हैं, जानकारी जुटाई जाएगी और उसके हिसाब से आगे का अपडेट दिया जाएगा।’
सूत्रों का कहना है कि दिसम्बर 16-22 के आंकड़ों में देखा गया कि सांस संबंधी वायरस जैसे कि मौसमी इन्फ्लुएंजा, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) और HMPV के मामलों में हाल ही में बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, इस वर्ष चीन में सांस संबंधी बीमारियों के उपाय और इसके लेवल पिछले वर्ष की तुलना में कम हैं। मसलन, आने वाले समय में चीन और इसके आसपास के देशों में सर्दियों के दौरान सांस संबंधी समस्याएं बढ़ेंगी।
एचएमपीवी की पहचान के लिए कदम उठाने की जरूरत!
डांग्स लैब के सीईओ डॉक्टर अर्जुन डांग ने कहा कि चीन में एचएमपीवी की पहचान किए जाने के बाद जरूरी है कि देश में इसके प्रकोप और इसकी तुरंत पहचान करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि HMPV एक ऐसा वायरस है, जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती, लेकिन मौसम बदलने पर वैश्विक स्तर पर इससे पीड़ित सांस संबंधी मरीजों में बढ़ोतरी देखी जाती है।
बच्चे, बुजुर्ग व कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत
डॉक्टर डांग ने बताया कि उनके लैब में फ्लू सीजन के दौरान HMPV के मामले देखे गए हैं, खासतौर पर उन लोगों में जो ज्यादा संवेदनशील हैं। जैसे कि इसकी समस्या छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा देखी जाती है।