नई दिल्ली, 30 अप्रैल। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म ITR-1 और ITR-4 को नोटिफाइड कर दिया है। एक अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक के वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित आय के लिए ITR नए फॉर्म का उपयोग करके दाखिल किया जा सकता है।
इस बार नए फॉर्मेट में मिलेगा ITR फॉर्म
इस बार ITR फॉर्म नए फॉर्मेट में मिलेगा। दरअसल, इस वर्ष आईटीआर फॉर्म में एक बड़ा बदलाव यह है कि सेक्शन 112ए के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) जमा करने के लिए ITR-1 (सहज) दाखिल किया जा सकता है। हालांकि, इसकी शर्त यह है कि एलटीसीजी 1.25 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और आयकरदाता के पास कैपिटल गेन कैटेगरी के तहत कैरी फॉरवर्ड या सेट ऑफ करने के लिए कोई नुकसान नहीं हो।
LTCG पर रिटर्न दाखिल करने के लिए ITR –1 का उपयोग कर सकते हैं
इससे पहले ITR-1 में कैपिटल गेन टैक्स की रिपोर्टिंग का प्रावधान नहीं था। इस वर्ष सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों और इक्विटी एक्सपोजर वाले म्यूचुअल फंड की बिक्री से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अपना रिटर्न दाखिल करने के लिए करदाता ITR-1 का उपयोग कर सकते हैं।
हालांकि, ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल वे करदाता नहीं कर सकते, जिन्हें गृह संपत्ति की बिक्री से या सूचीबद्ध इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ हो। सीबीडीटी के मुताबिक, ITR-1 और ITR-4 दोनों फॉर्म में 80सी से लेकर 80यू तक की सभी कटौतियों को ई-फाइलिंग सुविधा में ड्रॉप-डाउन से चुना जाना चाहिए। वहीं, धारा 89ए के अंतर्गत आने वाले विदेश में रखे गए सेवानिवृत्ति खातों से आय पर अब बेहतर फील्ड और रिलीफ ट्रैकिंग सुविधा होगी।
बैंक खातों को ITR-1 और ITR-4 फॉर्म में अनिवार्य रूप से करना होगा रिपोर्ट
ITR-4 सेक्शन 44एडी (बिजनेस) के तहत यदि डिजिटल लेनदेन व्यवसाय के लेनदेन का 95 प्रतिशत तक है, तो टर्नओवर सीमा अब तीन करोड़ रुपये होगी। धारा 44एडीए (प्रोफेशनल) में समान डिजिटल रसीद शर्त के तहत अब सीमा बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दी गई है।निष्क्रिय खातों को छोड़कर पिछले वर्ष के दौरान भारत में रखे गए सभी बैंक खातों को अब ITR-1 और ITR-4 फॉर्म में अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करना होगा।
