वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर के व्यासजी तहखाने में हिन्दू पक्ष को मिला नियमित पूजा का अधिकार
वाराणसी, 31 जनवरी। वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यासजी तहखाने में हिन्दू पक्ष को नियमित पूजा का अधिकार प्रदान कर दिया है। हिन्दू पक्ष की ओर से व्यासजी तहखाने में नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी।
जिला अदालत ने इस संबंध में सुनवाई पहले ही पूरी कर ली थी और बुधवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले में कहा गया कि हिन्दू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकता है। कोर्ट का फैसला आते ही हिन्दू पक्ष ने कहा कि काशी अब बम बम बोल रहा है।
विष्णु शंकर जैन बोले – ‘यह हमारी सबसे बड़ी जीत‘
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। मुस्लिम पक्ष के दावे को कोर्ट ने नकार दिया है। कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को सात दिनों के भीतर पूजा की व्यवस्था करने का आदेश दिया है।’
बाबरी विध्वंस के बाद बंद हो गई थी नियमित पूजा
वर्ष 1992 तक व्यास जी तहखाने में पूजा नियमित तौर पर होती थी। छह दिसम्बर, 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा को बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी।
जिला जज ने मंगलवार को आदेश सुरक्षित कर लिया था
वाराणसी परिसर स्थित व्यासजी तहखाने में दोबारा पूजा की अनुमति देने संबंधी अर्जी पर मंगलवार को जिला जज में सुनवाई पूरी हो गई थी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को इस संबंध में कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया। वादी शैलेश व्यास के अनुसार, उनके नाना सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में नियमित पूजा- पाठ करता था। वर्ष 1993 से तहखाने में पूजा- पाठ बंद हो गई।
वर्तमान में यह तहखाना अंजुमन इंतजार मसाजिद के पास
वर्तमान में यह तहखाना अंजुमन इंतजार मसाजिद के पास है। तहखाना को डीएम की निगरानी में सौंपने के साथ वहां दोबारा पूजा शुरू करने की अनुमति मांगी गई थी। अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर डीएम ने 24 जनवरी को तहखाना अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान वादी ने इस मामले में नियमित पूजा पाठ की मांग की। इस पर अंजुमन इंतेजामिया के वकील ने आपत्ति जताते हुए दलील खारिज करने की मांग की। 17 जनवरी के आदेश में कोर्ट ने केवल रिसीवर नियुक्त करने का जिक्र किया है। उसमें पूजा के अधिकार का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इसलिए नियमित वाद को निस्तारित करते हुए खारिज करने की मांग की गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलित सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
नंदी के सामने से बनाया जाएगा रास्ता
वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद नंदी के सामने से व्यासजी तहखाने में जाने का रास्ता बनाया जाएगा। इस संबंध में कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन के स्तर पर काररवाई की जाएगी। कोर्ट ने सात दिनों के भीतर वाराणसी डीएम को पूजा के लिए व्यवस्था का निर्देश दिया है। हिन्दू पक्ष के वकील ने साफ किया कि हिन्दू पक्ष को अपने भगवान की पूजा का अधिकार मिला है। वहां भगवान शिव की पूजा अब संभव होगी।
मुस्लिम पक्ष नाराज
हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के फैसले को नकारते हुए इस पर नाराजगी जताई है। उसका कहना है कि फैसले के प्रति मिलने के बाद हाई कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने एएसआई के सर्वे को भी नकार दिया था।