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लोकसभा चुनाव सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक सभ्यतागत लड़ाई है : हिमंत बिस्वा सरमा 

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पटना, 15 सितम्बर। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनावों को “सभ्यता की लड़ाई” करार दिया, जिसमें देश के लोग “सनातन धर्म की रक्षा” के लिए मतदान करेंगे। पटना हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी के नेता ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को “हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के एकमात्र इरादे से गठित” किये जाने का आरोप लगाया।

हिमंत सरमा  नालंदा जिले में आयोजित भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के समारोह ‘वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी’ में हिस्सा लेने के लिए बिहार आए थे। इस आयोजन में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की भी भागीदारी थी।

कांग्रेस छोड़कर 2014 में भाजपा का दामन थामने वाले असम के मुख्यमंत्री ‘सनातन धर्म विवाद’ से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। त मिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता की एक विवादास्पद टिप्पणी के बाद यह विवाद शुरू हुआ था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। शर्मा ने कहा, “सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी से पता चलता है कि (विपक्ष का) गठबंधन हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के इरादे से बनाया गया है। इसलिए, मैं लोकसभा चुनाव को एक सभ्यतागत लड़ाई के रूप में देखता हूं जिसमें देश के लोग सनातन धर्म की रक्षा के लिए भाग लेंगे।”

उनकी इस टिप्पणी को वहां मौजूद भाजपा समर्थकों से व्यापक समर्थन मिला। विदेश राज्य मंत्री लेखी से भी एयरपोर्ट पहुंचने पर इस विवाद को लेकर सवाल पूछे गए। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए खड़ा है क्योंकि इसका पालन करने वाले परमात्मा के साथ जुड़ने की खातिर अपनी इच्छानुसार मार्ग चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन यह कुछ ऐसा है, जिसकी विपक्षी गठबंधन सराहना नहीं कर सकता क्योंकि वह वंशवाद में विश्वास करता है और इसलिए अलोकतांत्रिक है।”