1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. मुंबई के पास बसाई जा रही है ‘हलाल टाउनशिप’! NHRC ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब
मुंबई के पास बसाई जा रही है ‘हलाल टाउनशिप’! NHRC ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब

मुंबई के पास बसाई जा रही है ‘हलाल टाउनशिप’! NHRC ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब

0
Social Share

मुंबई, 5 सितंबर। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर नेरल के पास बन रहा ‘सुकून एंपायर’ हाउसिंग प्रोजेक्ट इन दिनों विवादों में है। इस प्रोजेक्ट का एक प्रमोशन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला गरमा गया है। वीडियो में प्रोजेक्ट को ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ के रूप में पेश किया गया है, जो खास तौर पर मुस्लिम समुदाय के लिए बनाया जा रहा है। इस वीडियो में दावा किया गया है कि यहां परिवार अपने मजहबी तौर-तरीकों से समझौता किए बिना रह सकते हैं और बच्चे हलाल माहौल में बड़े होंगे।

‘हलाल टाउनशिप’ पर NHRC ने उठाए सवाल

नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) ने इस प्रोजेक्ट पर संज्ञान लिया है। कमीशन के मुताबिक, इस तरह का मार्केटिंग ह्यूमन राइट्स नियमों और रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (RERA) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है। NHRC के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए इसे ‘नेशन विदिन द नेशन’ करार दिया और महाराष्ट्र सरकार से जांच की मांग की। कमीशन ने सरकार से दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।

मुस्लिम समुदाय के लिए दी जा रही खास स्कीम

‘सुकून एंपायर’ को डेवलप कर रही कंपनी रिफा स्ट्रक्चरल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड है, जो पहले ‘सुकून रेजीडेंसी’ प्रोजेक्ट पर भी काम कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में मुस्लिम समुदाय के लिए खास स्कीम दी जा रही है। डाउन पेमेंट के बाद बाकी राशि बिना बैंक लोन के आसान किस्तों में बिल्डर को दी जा सकती है। बताया जा रहा है कि ‘सुकून रेजीडेंसी’ के 78 फ्लैट्स में से 72 और ‘सुकून एंपायर’ की 12 बुकिंग्स में से सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने की हैं। हालांकि, कंपनी ने अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

प्रोजेक्ट के प्रमोशनल कंटेंट पर भी विवाद

प्रमोशन वीडियो में एक महिला हिजाब पहने नजर आती है, जो प्रोजेक्ट को मुस्लिम परिवारों के लिए सुरक्षित जगह बताती है। हालांकि, वीडियो और संबंधित सोशल मीडिया प्रोफाइल (जैसे इंस्टाग्राम) विवाद बढ़ने के बाद हटा दिए गए हैं। एनएचआरसी की नजर में यह मामला गंभीर है और महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया इसका भविष्य तय करेगी। इस बीच, राजनीतिक और सामाजिक बहस तेज हो गई है, जिसमें सभी पक्ष अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। क्या यह प्रोजेक्ट रुक जाएगा या इसे नए सिरे से पेश किया जाएगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

सोशल मीडिया पर तेज हुई सियासत

सोशल मीडिया पर इस प्रोजेक्ट को लेकर अलग-अलग राय देखने को मिल रही है। शिवसेना (शिंदे गुट) नेता संजय निरुपम ने इसे ‘हाउसिंग जिहाद’ करार दिया है, जबकि कुछ लोग इसे धार्मिक भेदभाव के खिलाफ कदम बता रहे हैं। राजनीतिक दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के रोहित पवार ने कहा, ‘यह देश हर समुदाय और धर्म का है। धर्म के आधार पर विज्ञापन देना संविधान का उल्लंघन है और इसे रोका जाना चाहिए।’ वहीं, बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर ऐसे विज्ञापनों पर तत्काल रोक और कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इसे समाज में वैमनस्य और ‘जमीन जिहाद’ को बढ़ावा देने वाला बताया।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code