देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित : राजनाथ
नई दिल्ली, 7 सितम्बर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोहराया है कि केंद्र सरकार देश की सुरक्षा व्यवस्था को हर तरह से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने इसके साथ ही संसाधनों के अधिकतम उपयोग का आह्वान करते हुए सभी हितधारकों से सरकार के दृष्टिकोण को साकार बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया।
सशस्त्र बलों को राजस्व प्रबंधन के लिए वित्तीय अधिकार सौंपने की स्वीकृति
राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां रक्षा सेवाओं (डीएफपीडीएस) 2021 को वित्तीय शक्तियों के इस्तेमाल से संबंधित आदेश जारी करने के अवसप पर अपने संबोधन में ये बातें कहीं। उन्होंने डीएफपीडीएस 2021 को देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे रक्षा सुधारों की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण कदम बताया।
रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नीतियों को संशोधित करने की आवश्यकता पर बल दिया और विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि डीएफपीडीएस 2021 न केवल प्रक्रियात्मक अवरोधों को दूर करेगा, बल्कि अधिक विकेंद्रीकरण तथा परिचालन दक्षता भी लाएगा।
(डीएफपीडीएस) 2021 सशस्त्र बलों को राजस्व अधिप्राप्ति शक्तियों के मामले में बढ़े हुए अधिकार प्रदान करता है। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय टुकड़ियों को सशक्त बनाना, परिचालन तैयारियों पर विशेष ध्यान देना और व्यावसायिक गतिविधियों में आसानी व सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देना है। रक्षा सेवाओं के लिए सभी स्तरों पर इस तरह की अंतिम वृद्धि 2016 में की गई थी।
डीएफपीडीएस 2021 के मुख्य बिंदु
- वित्तीय शक्तियां क्षेत्रीय टुकड़ियों को हस्तांतरित, परिचालन तैयारियों पर विशेष ध्यान, व्यावसायिक गतिविधियों में आसानी व सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने पर जोर।
- सक्षम वित्तीय प्राधिकारियों के लिए दो गुना सामान्य वृद्धि, कुछ अनुसूचियों में क्षेत्रीय टुकड़ियों पर 5 से 10 गुना तक।
- सेवाओं के उप प्रमुखों की प्रदत्त वित्तीय शक्तियों में 10% की बढ़ोतरी।
- ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वदेशीकरण/अनुसंधान एवं विकास से संबंधित कार्यक्रमों में तीन गुना तक की वृद्धि।
- तात्कालिक सैन्य आवश्यकताओं के संचालन के वास्ते आपातकालीन शक्तियों की अनुसूची में शामिल रक्षा सेवाओं हेतु कमांड स्तर से नीचे की क्षेत्रीय टुकड़ियों को आकस्मिक वित्तीय शक्तियों के प्रावधान के लिए सक्षम बनाना।