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Goodbye 2022: नापी है मुट्ठी भर जमीन, अभी तो आसमान बाकी है… विकास के लिहाज से भारत के लिए उत्तम रहा 2022

Goodbye 2022: नापी है मुट्ठी भर जमीन, अभी तो आसमान बाकी है… विकास के लिहाज से भारत के लिए उत्तम रहा 2022

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लखनऊ, 31 दिसंबर। लखनऊ, 31 दिसंबर। कल सूरज की पहली किरण का स्वागत हम पूर्व की ही भांति तो करेंगे। किंतु,नए वर्ष के सुखद दिन के रूप में। 2022 को आज देर रात अलविदा कहेंगे, इसके बाद साल 2023 का उत्साहपूर्वक स्वागत करेंगे। वर्ष 2022 देश के विकास के लिहाज से उत्तम रहा। भारत ने अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसी उपलब्धियां हासिल कीं। जिन्हें वैश्विक रूप से खूब पहचान मिली।

दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल करना हो या जी-20 जैसे ताकतवर संगठनों की मेजबानी। रिकार्ड स्तर पर निर्यात की बात हो या पहला निजी राकेट विक्रम-एस की लांचिंग। हमने दुनिया को अपनी क्षमता का लोहा मनवा ही दिया। यही नहीं, शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी हो या बैडमिंटन में थामस कप का चैंपियन बन जाना। दुनिया हमारी मेजबानी व मेधा से रूबरू हुई। कह सकते हैं, 2022 में भारत ने हर क्षेत्र में अपनी ताकत का अहसास दुनिया को कराया।

  • अंतरिक्ष में भी नई उड़ान :

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने अपना परचम लहराया। 18 नवंबर, 2022 को भारत का पहला निजी रॉकेट ‘विक्रम-एस’ लॉन्च किया। हैदराबाद के स्पेस स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा बनाए गए इस निजी रॉकेट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से छोड़ा गया।

इस लॉन्चिंग के बाद भारत अमेरिका, रूस, जापान, चीन और फ्रांस जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया, जो प्राइवेट कंपनियों के रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजते हैं। इस रॉकेट ने तीन उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया। जान लें,विक्रम-एस रॉकेट का नाम भारत के मशहूर वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।

  • जी-20 की मिली अध्यक्षता :

इस वर्ष भारत को दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली देशों के संगठन जी-20 की अध्यक्षता मिली। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने 16 नवंबर, 2022 को आधिकारिक तौर पर जी-20 की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी। इसके बाद एक दिसंबर, 2022 को भारत औपचारिक रूप से जी-20 का अध्यक्ष बन गया।

बता दें कि जी-20 का अगला सम्मेलन सितंबर, 2023 में नई दिल्ली में होगा। यूपी के लखनऊ व आगरा में भी होने वाली इस बैठक को लेकर तैयारी की जा रही है। इस संगठन की अध्यक्षता से जहां वैश्विक फोरम में भारत का कद बढ़ेगा, वहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके कई फायदे होंगे।

  • यूएनएससी की भी मिली अध्यक्षता :

इस वर्ष भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भी अध्यक्षता मिली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत अपने दो साल के कार्यकाल में दिसंबर, 2022 में दूसरी बार अध्यक्ष बना। भारत एक दिसंबर 2022 से अगले एक महीने के लिए यूएनएससी का अध्यक्ष रहेगा। यह जान लें, फिलहाल अपना देश यूनएससी का अस्थायी सदस्य है।

भारत ने जनवरी, 2021 में यूएनएससी के एक अस्थायी सदस्य के रूप में अपना दो साल का कार्यकाल शुरू किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। अस्थायी सदस्यों का चुनाव हर दो साल के बाद होता है। ज्ञात हो, राष्ट्र के छह प्रमुख अंग हैं। जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी एक है।

  • एससीओ का भी अध्यक्ष रहा भारत :

16 सितंबर, 2022 में भारत को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता मिली। उज्बेकिस्तान ने समरकंद में एससीओ की कमान भारत को सौंपी। भारत 2023 तक इसका अध्यक्ष बना रहेगा। 2001 में बने एससीओ के आठ पूर्णकालिक सदस्य देश हैं। इनमें भारत के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान भी शामिल हैं। इसके अलावा ईरान, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया पर्यवेक्षक देश हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सीमा मुद्दों को हल करना, आतंकवाद का हल और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है।

  • विज्ञान-तकनीक के क्षेत्र में लहराया परचम-

बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण : विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अपने पड़ोसी देशों को पीछे छोड़ते हुए भारत ने अपनी सबसे खतरनाक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर लिया है। अग्नि-5 परमाणु-सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) 5,000 किलोमीटर से ज्यादा के लक्ष्यों को भेद सकती है।

मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल – इस मिसाइल का परीक्षण डीआरडीओ ने जनवरी के महीने में किया था। भारत में विकसित की गई एंटी-टैंक एक कम वजन वाली मिसाइल है। इसे मैन पोर्टेबल लॉन्चर से लॉन्च किया जाता है।

हेलिना मिसाइल – अप्रैल में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलीना’ लॉन्च की गई। इस मिसाइल का अलग-अलग उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की मदद से दो बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह उड़ान परीक्षण डीआरडीओ, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने संयुक्त रूप से आयोजित किए थे।

ब्रह्मोस एक्सटेंडेड रेंज एडिशन – ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण मई के महीने में किया गया था। इसके सफल होने के साथ ही अब एयरफोर्स सुखोई फाइटर एयरक्राफ्ट से बहुत लंबी दूरी तक जमीन या समंदर में किसी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाकर हमला करने में सक्षम हो गया है।

  • सबसे छोटा उपग्रह:

तमिलनाडु के करूर के रहने वाले 18 साल के रिफत शारूक ने दुनिया के सबसे छोटे सैटेलाइट को डिजाइन कर इतिहास रच दिया।

  • देश का पहला निजी रॉकेट:

18 नवंबर को पूरे देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के निजी क्षेत्र ने डिजाइन और तैयार किया था। इस रॉकेट का नाम है – ‘विक्रम–एस।| विक्रम-एस रॉकेट का नाम भारत के मशहूर वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। श्रीहरिकोटा से स्वदेशी स्पेस स्टार्ट-अप के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही ऐतिहासिक उड़ान भरी, समूचा विश्व देखते रह गया। कह सकते हैं, भारत अब अमेरिका, रूस, जापान, चीन और फ्रांस जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया, जो निजी कंपनियों के रॉकेट को स्पेस में भेजते हैं।

  • 5-जी नेटवर्क:

भारत ने दुनिया के तमाम देशों को पीछे छोड़ते हुए वर्ष 2022 में 5-जी नेटवर्क की शुरुआत कर दी। यह देखकर चीन, अमेरिका समेत अन्य देश भी दंग रह गए। 5-जी तकनीक का अब पूरे देश में विस्तार किया जा रहा है। इसके बाद भारत में संचार की गति कई गुना तेज हो जाएगी। इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीकि, उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन की भी उम्मीद की जा रही है। 5-जी तकनीक का लाभ सेना को भी मिलेगा। इससे सुदूर और बीहड़ क्षेत्रों में सीमा पर सैनिकों को सैन्य ऑपरेशन करने में आसानी होगी।

  • निर्यात रिकार्ड स्तर पर:

पहली बार, भारत का व्यापारिक निर्यात एक वित्तीय वर्ष में 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया। इसे भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा सकता है। अब तक का सबसे अधिक माल निर्यात लक्ष्य 31 मार्च,2022 की समय सीमा से नौ दिन पहले हासिल किया गया। अप्रैल-मार्च 2022 के दौरान निर्यात 37 प्रतिशत बढ़कर 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2020-21 में 292 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

  • लॉन बॉल्स और महिला क्रिकेट में गाड़े झंडे:

साल 2022 खेल के क्षेत्र में भी भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा। बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। खासतौर पर बेटियों ने अपना कमाल दिखाया। कॉमनवेल्थ गेम्स -2022 में भारत की महिला क्रिकेट टीम ने रजत पदक जीता। महिलाओं की लॉन बॉल्स टीम ने भारत को पहली बार स्वर्ण पदक दिलाकर इतिहास रच दिया है।

  • 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी

भारत को इस साल 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करने का मौका मिला था। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। चेन्नई में शुरू हुए इस टूर्नामेंट में 188 ओपन और 162 महिला टीमों ने भाग लिया। दुनिया भर से 100 से अधिक देशों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया, यह टूर्नामेंट 28 जुलाई 2022 से लेकर 10 अगस्त 2022 तक तमिलनाडु के चेन्नई शहर में आयोजित हुआ था।

  • रिकॉर्ड खाद्यान्न और बागवानी उत्पादन

खाद्यान्न उत्पादन जनवरी 2022 में 308.65 मिलियन टन से बढ़कर दिसंबर 2022 में 315.72 मिलियन टन (चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार) हो गया है जो अब तक का सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन है। तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2020-21 के दौरान बागवानी उत्पादन 331.05 मिलियन मीट्रिक टन था जो 2021-22 के दौरान बढ़कर 342.33 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है। यह भारतीय बागवानी के लिए अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है।

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