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जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 30वें थल सेनाध्यक्ष का कार्यभार संभाला, जनरल मनोज पांडे ने सौंपी जिम्मेदारी

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 30वें थल सेनाध्यक्ष का कार्यभार संभाला, जनरल मनोज पांडे ने सौंपी जिम्मेदारी

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नई दिल्ली, 30 जून। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को देश के 30वें थल सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया। चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर व्यापक परिचालन विशेषज्ञता के अनुभवी जनरल उपेंद्र द्विवेदी को जनरल मनोज पांडे से यह जिम्मेदारी संभाली, जो आज ही सेवानिवृत्त हुए।

2022-24 तक उत्तरी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रहे हैं

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने करिअर में विभिन्न कमांड और स्टाफ नियुक्तियों पर काम किया है। वह 2022 से 2024 तक उत्तरी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद पर भी रहे हैं। उन्होंने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का भी नेतृत्व किया है। सेना प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका में वह थिएटर कमांड स्थापित करने की सरकार की योजना को लागू करने के लिए नौसेना और भारतीय वायु सेना के साथ सहयोग करने के लिए जिम्मेदार हैं।

सैनिक स्कूल रीवा से हुई है प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा

मध्य प्रदेश के रहने वाले जनरल द्विवेदी ने सैनिक स्कूल रीवा से पढ़ाई की और 1981 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए। 1984 में जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 18वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त किया। बाद में उन्होंने कश्मीर और राजस्थान में यूनिट की कमान संभाली।

जनरल द्विवेदी ने भारतीय सेना की सबसे बड़ी कमान को आधुनिक बनाने और सुसज्जित करने में अहम योगदान दिया है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के हिस्से के रूप में स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा देने में भी योगदान दिया है। डीजी इन्फैंट्री के रूप में उन्होंने तीनों सेवाओं के लिए हथियारों की पूंजीगत खरीद के मामलों को तेजी से निबटाया।

सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य कर चुके हैं

जनरल द्विवेदी सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्होंने स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन, एडब्ल्यूसी, महू में उच्च कमान पाठ्यक्रम में भाग लिया और यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, यूएसए में एनडीसी समकक्ष पाठ्यक्रम में ‘प्रतिष्ठित फेलो’ से सम्मानित किया गया। उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एमफिल और रणनीतिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं। उन्होंने ऐसे समय में सेना की कमान संभाली है, जब चीन के साथ लंबे समय से सीमा पर तनाव बना हुआ है। भारतीय सेना इस समय आधुनिकीकरण की प्रक्रिया से भी गुजर रही है।

जनरल मनोज पांडे को दिया गया औपचारिक गॉर्ड ऑफ ऑनर

इसके पूर्व दिन में जनरल मनोज पांडे को थल सेनाध्यक्ष का पद छोड़ने के अवसर पर नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक लॉन में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राष्ट्र की सेवा में उनका चार दशकों से अधिक समय तक उनका असाधारण और शानदार करिअर उनके अटूट समर्पण और प्रेरणादायक नेतृत्व का प्रमाण है, जिसका देश की रक्षा सेवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

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