जननेता शरद यादव राजकीय सम्मान के साथ पंच तत्व में विलीन, बेटे-बेटी ने दी मुखाग्नि
नर्मदापुरम/भोपाल। देश में समाजवाद का बड़ा चेहरा और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का शनिवार को उनके पैतृक गांव नर्मदापुरम जिले के आंखमऊ में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शाम 4.45 बजे उनके बेटे शांतनु व बेटी सुभांगिनी ने मुखाग्नि दी। अंत्येष्टि से पहले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।
दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर दोपहर सवा तीन बजे नर्मदापुरम के माखननगर में स्थित उनके पैतृक गांव आंखमऊ गृह गांव लाया गया तो पूरा इलाका गमगीन हो गया। ‘शरद यादव अमर रहें’ के नारे गूंजते रहे। आंखमऊ में आज हर आंख नम दिखी। शरद यादव की पार्थिव शरीर को पहले कुछ देर के लिए पुश्तैनी मकान में रखा गया। यहां इलाके के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
शरद यादव को अंतिम विदाई देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल और कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी समेत बड़ी संख्या में लोग आंखमऊ पहुंचे थे। शरद यादव की अंत्येष्टि उनके ही बगीचे में हुई।
सीएम शिवराज सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
इससे पहले दोपहर में दिल्ली से चार्टर्ड विमान से शरद यादव का पार्थिव शरीर भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट लाया गया। वहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी थी।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा, ‘वह तो मेरे पड़ोसी थे। मेरा गांव नर्मदा के इस पार था और उनका गांव नर्मदा के उस पार। शरद यादव बचपन से जुझारू थे।’ विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश साहनी भी शरद यादव को अंतिम विदाई देने आंखमऊ गांव पहुंचे।