1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. लोकसभा से निष्कासित पूर्व TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने खाली किया सरकारी बंगला
लोकसभा से निष्कासित पूर्व TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने खाली किया सरकारी बंगला

लोकसभा से निष्कासित पूर्व TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने खाली किया सरकारी बंगला

0
Social Share

नई दिल्ली, 19 जनवरी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया। उनके वकील शादान फरासत ने यह जानकारी दी। संपदा निदेशालय ने आधिकारिक बंगला खाली कराने के लिए सुबह एक दल भेजा था। बंगले के आसपास के इलाके में अवरोधक लगाए थे।

वकील शादान फरासत ने पत्रकारों से कहा कि टेलीग्राफ लेन पर महुआ मोइत्रा के बंगले 9बी को प्राधिकारियों के पहुंचने से पहले आज सुबह 10 बजे खाली कर दिया गया। फरासत ने यह भी कहा कि बेदखली की कोई काररवाई नहीं हुई है। मकान का कब्जा संपदा निदेशालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने लोकसभा से निष्कासित मोइत्रा को इस सप्ताह की शुरुआत में संपदा निदेशालय ने बंगला खाली करने की नोटिस भेजी थी। मोइत्रा को गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने संपदा निदेशालय के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करते हुए उनसे सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा था।

मोइत्रा को गत 8 दिसम्बर को लोकसभा से निष्कासित किया गया था

स्मरण रहे कि एथिक्स कमेटी द्वारा महुआ मोइत्रा के आचरण को अनैतिक पाए जाने के बाद गत आठ दिसम्बर को टीएमसी नेता को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर अपने संसदीय पोर्टल का उपयोग करके संसद में प्रश्न पूछने की अनुमति देने के बदले में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। हालांकि रिश्वत के आरोप को खारिज करते हुए मोइत्रा ने कहा था कि उन्होंने पोर्टल पर अपने प्रश्नों को टाइप करने में अपने कर्मचारियों की मदद लेने के लिए क्रेडेंशियल्स साझा किए।

तृणमूल कांग्रेस नेता ने बेदखली की काररवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था क्योंकि लोकसभा से उनके निष्कासन के खिलाफ उनकी याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है। संपदा निदेशालय ने उन्हें सार्वजनिक परिसर अधिनियम, 1971 के अनुसार 8 जनवरी को बेदखली की नोटिस जारी की थी।

अधिनियम के अनुसार, आवासीय आवास के आवंटी को अयोग्य होने के बाद परिसर खाली करने के लिए एक महीने का समय होता है। फिर, यदि आवंटी ने एक महीने के भीतर घर खाली नहीं किया है, तो बेदखली नोटिस जारी की जाती है, जिसमें जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया जाता है। सुनवाई के लिए समय देने के बाद, संपत्ति अधिकारी बेदखली का आदेश जारी करता है, जिसके बाद बेदखली की जाती है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code