यूपी विधान परिषद उपचुनाव : पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान होंगे भाजपा उम्मीदवार, 30 जनवरी को होना है मतदान
लखनऊ, 16 जनवरी। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव का साथ छोड़कर घर वापसी यानी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाले दारा सिंह चौहान का इंतजार खत्म हो गया, जब शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें तोहफा देते हुए दिनेश शर्मा के इस्तीफे से खाली हुई विधान परिषद की सीट पर पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया।
भाजपा के बहुमत को देखते हुए दारा सिंह का निर्वाचन तय
अब विधानसभा में भाजपा के बहुमत को देखते हुए दारा सिंह चौहान का विधान परिषद उपचुनाव में विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बनना तय है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को दारा सिंह चौहान एमएलसी सीट के लिए नामांकन करेंगे। दारा सिंह के नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी मौजूद रहेंगे।
भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधान परिषद के उप-चुनाव हेतु एक नाम पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। pic.twitter.com/ilNQg1Zi5z
— BJP (@BJP4India) January 16, 2024
विधान परिषद की रिक्त सीट के लिए 18 जनवरी तक नामांकन होना है। 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 23 जनवरी को नाम वापस लेने का अंतिम दिन है। मतदान 30 जनवरी को पूर्वाह्न नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा। उसी दिन शाम को पांच बजे से मतगणना होगी।
उल्लेखनीय है कि दारा सिंह चौहान ने पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सपा ज्वॉइन कर ली थी। सपा के टिकर पर वह घोसी विधानसभा सीट से चुनाव जीते, लेकिन बाद में उन्होने सपा छोड़कर भाजपा में जाने का फैसला किया। इसके बाद पिछले वर्ष 17 जुलाई को उन्होंने घर वापसी कर ली।
भाजपा में शामिल होने के पहले दारा सिंह चौहान ने घोषी सीट से इस्तीफा दिया था। इस रिक्त सीट पर हुए उप चुनाव में भाजपा ने दारा सिंह चौहान को ही चुनाव मैदान में उतार दिया, लेकिन वह सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह से चुनाव हार गए। तब से वह भाजपा से तोहफा पाने के इंतजार में थे। बताया जा रहा है कि चौहान के एमएलसी बनाने के बाद जल्द ही उन्हें योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
पूर्वांचल के बड़े नेता हैं दारा सिंह चौहान
भाजपा में वापसी के बाद दारा सिंह चौहान भले ही घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में हार गए थे, लेकिन पूर्वाचल की राजनीति में उनका खासा दबदबा माना जाता है। उनका राजनीतिक सफर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से शुरू हुआ था। वह वर्ष 1996 में राज्यसभा के सांसद बने। इसके बाद वह उन्होंने घोसी लोकसभा सीट से वर्ष 2009 में चुनाव लड़ा और जीते। वर्ष 2015 में उन्होने बसपा से नाता तोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर ली। वर्ष 2017 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और योगी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री बन गए। फिर वर्ष 2022 में वह सपा में शामिल हो गए थे और बीते साल जुलाई में उन्होंने सपा से भी दूरी बना ली थी।
ओबीसी में शामिल चौहान समाज में दारा सिंह की गहरी पैठ
दरअसल, ओबीसी में शामिल चौहान समाज में दारा सिंह की गहरी पैठ है। ऐसे में लोकसभा चुनावों के ठीक पहले भाजपा ने उन्हे एमएलसी बनाकर पिछड़े वर्ग को लुभाने का दांव चला है। भाजपा अब दारा सिंह चौहान के जरिये अखिलेश यादव के पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फार्मूले को चुनौती देगी।