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जम्मू-कश्मीर : पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे

जम्मू-कश्मीर : पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे

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श्रीनगर, 2 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। 2022 में कांग्रेस छोड़कर पार्टी के साथ अपने पांच दशक पुराने रिश्ते को विराम देने के बाद उन्होंने अपना खुद का राजनीतिक संगठन डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बना लिया था।

अंतिम बार 2014 में उधमपुर से भाजपा नेता जितेंद्र सिंह के खिलाफ हारे थे

डीपीएपी नेता ताज मोहिउद्दीन ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आज डीपीएपी की कोर कमेटी की बैठक हुई और हमने फैसला किया है कि पार्टी अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे।’ वर्ष 2014 में उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा नेता जितेंद्र सिंह से हारने के बाद आजाद के लिए यह पहला लोकसभा चुनाव होगा।

अल्ताफ बुखारी की ‘अपनी पार्टी’ के साथ गठबंधन पर कोई प्रगति नहीं

हालांकि अल्ताफ बुखारी की ‘अपनी पार्टी’ के साथ गठबंधन की संभावना पर मोहिउद्दीन ने कहा कि इस मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास समय की कमी है और बातचीत में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। इसलिए बेहतर होगा कि वे अपना काम करें और हम अपना काम करें। उन्हें किसी भी सूरत में अनंतनाग सीट में कोई दिलचस्पी नहीं थी। कश्मीर में अन्य लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का फैसला उचित समय पर किया जाएगा।’

जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में होगा मतदान

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर पांच चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होगा। इस क्रम में उधमपुर सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी तो जम्मू सीट पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। अनंतनाग-राजौरी सीट पर सात मई को मतदान तय किया गया है। वहीं, श्रीनगर सीट पर 13 मई को वोटिंग होगी जबकि बारामूला सीट पर 20 मई को मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी।

2014 से 2021 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे आजाद

वर्ष 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के पूर्व सदस्य रहे हैं। वह 2014 से 2021 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं। कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री का ओहदा भी संभाल चुके आजाद ने 27 अक्टूबर 2005 तक मनमोहन सिंह सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने 26 अगस्त 2022 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय अंशदान के लिए भारत सरकार द्वारा 2022 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था।

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