बालासोर (ओडिशा), 22 दिसंबर। भारत ने बुधवार को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का पहला सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
डीआरडीओ द्वारा विकसित मिसाइल को पूर्वाह्न करीब साढ़े दस बजे एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित की गई। डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि ट्रैकिंग उपकरणों की एक बैटरी ने तट रेखा के साथ इसके प्रक्षेपवक्र की निगरानी की। 150 से 500 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य पर हमला कर सकती है।
Indigenously developed new surface-to-surface conventional ballistic missile ‘Pralay’ successfully flight tested from Dr APJ Abdul Kalam Island today. #NewTechnologies#AmritMahotsavhttps://t.co/kGgX3RMJ4k pic.twitter.com/cz1qm6OBdy
— DRDO (@DRDO_India) December 22, 2021
डीआरडीओ का कहना है कि सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ की पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है। उन्नत मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम होने के लिए विकसित किया गया है। यह एक ठोस-ईंधन, युद्धक्षेत्र मिसाइल है, जो भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से पृथ्वी रक्षा वाहन पर आधारित है। यह हवा में एक निश्चित सीमा को कवर करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई, बोले – यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पहली विकास उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई दी। उन्होंने तेजी से विकास और सतह से सतह पर मार करने वाली आधुनिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ की सराहना की।
Congratulations to @DRDO_India and associated teams for the maiden development flight trial. My compliments to them for the fast track development and successful launch of modern Surface-to-Surface Quasi Ballistic missile. It is a significant milestone achieved today. pic.twitter.com/woixwxdxjb
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 22, 2021
राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘पहले विकास उड़ान परीक्षण के लिए @DRDO_India और संबंधित टीमों को बधाई। तेजी से विकास और आधुनिक सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। यह आज हासिल किया गया एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।‘
सचिव डीडी आर एंड डी और अध्यक्ष डीआरडीओ डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि यह आधुनिक तकनीकों से लैस एक नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है और इस हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों, डीआरडीओ को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।