मध्य प्रदेश : कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज
इंदौर, 14 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के खिलाफ बुधवार रात यहां प्राथमिकी दर्ज की गई। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इसके पूर्व दिन में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर खंडपीठ ने कर्नल कुरैशी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले का मीडिया की खबरों के आधार पर खुद संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को विजय शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
मानपुर पुलिस थाने में तीन धाराओं में मामला दर्ज
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) हितिका वासल ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर शाह के खिलाफ मानपुर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का कृत्य), धारा 196 (1) (बी) (अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला ऐसा कृत्य जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती हो या भंग होने की आशंका हो) और धारा 197 (1) (सी) (किसी समुदाय के सदस्य को लेकर ऐसी बात कहना, जिससे अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर विपरीत असर पड़ता हो या उनके बीच शत्रुता या घृणा या दुर्भावना की भावना पनपती हो या पनपने की आशंका हो) के तहत दर्ज की गई है।
शाह ने इंदौर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा था, ‘जिन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, हमने उन्हीं कटे-पिटे लोगों की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी कराई।’
कांग्रेस ने की है विजय शाह की बर्खास्तगी की मांग
शाह के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पीएम मोदी से मंत्री की बर्खस्तगी तक की मांग उठा दी। वहीं विवाद बढ़ने पर विजय शाह ने माफी भी मांगी थी। शाह ने कहा था कि यदि किसी व्यक्ति को उनकी बातों से ठेस पहुंची है तो वह 10 बार माफी मांगने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपनी बहन से ज्यादा कर्नल कुरैशी का सम्मान करते हैं। फिलहाल मामला थमा नहीं और अंत में हाई कोर्ट ने खुद इसका संज्ञान लेते हुए शाह के खिलाफ चार घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया।

उमा भारती ने भी खोला मोर्चा, शाह की बर्खास्तगी की मांग
दिलचस्प यह है कि कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां जहां शाह के बयान पर आंदोलन पर उतारू हैं वहीं भाजपा ने भी नाराजगी जाहिर की है और पार्टी में अंदरखाने शाह के खिलाफ दंडात्मक काररवाई की सुगबुहाट तेज हो गई है। हंगामे के बीच ही राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ उमा भारती ने भी विजय शाह को मंत्री पद से बर्खास्त करने और उन पर एफआईआर की मांग कर दी है।
विजय शाह जी की मंत्री पद से बर्खास्तगी एवं FIR दोनों कार्रवाई तुरंत होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने पूरे देशवासियों को लज्जित किया है। @BJP4India @BJP4MP @CMMadhyaPradesh @vdsharmabjp
— Uma Bharti (@umasribharti) May 14, 2025
उमा भारती ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा है, ‘विजय शाह की मंत्री पद से बर्खास्तगी और FIR दोनों काररवाई तुरंत होनी चाहिए। उन्होंने पूरे देशवासियों को लज्जित किया है।’
शाह का इस्तीफे से इनकार, हाई कोर्ट में पक्ष रखने का समय मांगा
इस बीच बुधवार देर रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बेंगलुरु दौरे से लौटने के बाद पार्टी की बड़ी बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शाह से इस्तीफे की मांग की। लेकिन शाह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और अड़ गए कि उन्हें गुरुवार को हाई कोर्ट में पक्ष रखने का अवसर दिया जाए।
बताया जाता है कि शाह मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निवास पर हुई बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार फोन पर संगठन ने मंत्री शाह से इस्तीफा मांगा, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुए और मोहलत मांगी। बैठक के बाद सीएम ने एक्स कर कहा कि माननीय हाई कोर्ट के निर्देश के पालन का आदेश दिया गया है। हालांकि, इसके पूर्व शाह के इस्तीफे की अटकलें सरगर्म रहीं।
