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भारतीय दवा कम्पनी के आई ड्रॉप पर अमेरिका में 3 की मौत, 8 की आंखों की गई रोशनी

भारतीय दवा कम्पनी के आई ड्रॉप पर अमेरिका में 3 की मौत, 8 की आंखों की गई रोशनी

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वॉशिंगटन, 3 अप्रैल। भारतीय दवा कम्पनी के आई ड्रॉप को लेकर अमेरिका में हड़कंप मच गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस आई ड्रॉप इस्तेमाल से तीन लोगों की मौत हो चुकी है और आठ अन्य को अपनी आंखों की रोशनी गंवानी पड़ी।

ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर के दवा ब्रांड का नाम एज़्रीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स

यूएस के टॉप मेडिकल वाचडॉग ने इस ड्रॉप में दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया होने की संभावना जताई है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का हवाला से यह जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार इसके इस्तेमाल से इंफेक्शन के दर्जनों मामले भी सामने आए हैं। चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर की ओर से यह दवा ब्रांड नाम एज़्रीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स के तहत बनाई गई है।

सीडीसी ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि भारत से आयातित आई ड्रॉप्स में मिला यह दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया US में पैर जमा सकता है। संक्रामक रोगों के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह स्ट्रेन अमेरिका में इससे पहले नहीं मिला है। ऐसे में देश के पास जो एंटीबॉयोटिक्स मौजूद हैं, उनसे इसका इलाज करना मुश्किल हो सकता है।

गौरतलब है कि चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण में ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर स्थित है। इसने फरवरी में ही अमेरिकी बाजार से जुड़े आई ड्रॉप्स का प्रोडक्शन बंद कर दिया था। साथ ही कस्टमर लेवल पर EzriCare आर्टिफिशियल टीयर्स और डेलसम फार्मा के आर्टिफिशियल टीयर्स के सभी बचे हुए लॉट को भी वापस ले लिया गया।

आंखों में संक्रमण का खतरा, मौत की भी आशंका

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने चेतावनी दी है कि संक्रमित आर्टिफिशियल टीयर्स के इस्तेमाल से आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके चलते रोशनी गंवानी पड़ सकती है या फिर मृत्यु की भी आशंका है। इतना ही नहीं, स्यूडोमोनास एरुजिनोसा नाम का बैक्टीरिया खून, फेफड़ों या घावों में संक्रमण का कारण बन सकता है।

एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण हाल के दिनों जर्म्स का मुकाबला करना कठिन साबित हो रहा है। सीडीसी ने 21 मार्च को इस मामले को लेकर अपनी वेबसाइट पर आखिरी अपडेट में कहा था, ‘जिन मरीजों ने एज्रीकेयर या डेलसम फार्मा के आर्टिफिशियल टीयर्स का इस्तेमाल किया है और जिनकी आंखों में संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें तुरंत मेडिकल केयर की जरूरत है।’

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