केजरीवाल के आरोपों का निर्वाचन आयोग ने दिया जवाब – डेथ सर्टिफिकेट लगने पर ही मतदाता सूची से नाम काटा जाता है
नई दिल्ली, 7 जनवरी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज दिल्ली विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के लिए आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आरोपों का भी सिलसिलेवार जवाब दिया, जिनमें दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर वोटरों के नाम काटे
दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि नई दिल्ली विधानसभा सीट समेत कई स्थानों पर वोटर लिस्ट से नाम काटे गए हैं। खासतौर पर उन लोगों और इलाकों से वोट काटे गए हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे आम आदमी पार्टी के समर्थक हो सकते हैं। इसकी शिकायत भी उन्होंने आयोग से की थी।
वोटर लिस्ट से किसी का नाम मनमाने ढंग से हटाया ही नहीं जा सकता
राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची से नाम काटे जाने को लेकर सिर्फ भ्रम पैदा किया जा रहा है जबकि वोटर लिस्ट से किसी का नाम मनमाने ढंग से हटाया ही नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि 2020 से 30 राज्यों में चुनाव हुए हैं और 15 राज्यों में अलग-अलग दल बहुमत पाकर सत्ता में आए हैं। इससे स्पष्ट है कि पूरी प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है।
परिणाम के आधार पर प्रक्रिया क आकलन नहीं कर सकते
15 different parties emerged as the #SingleLargest across 30 States/UTs elections since Bihar state elections in 2020.#ECI pic.twitter.com/trKpUP8td7
— Election Commission of India (@ECISVEEP) January 7, 2025
सीईसी ने कहा, ‘वोटर लिस्ट से नाम हटाने और जोड़ने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। यहां तक कि हम सभी राजनीतिक दलों को अधिकार देते हैं कि वह अपने स्तर पर बीएलओ की नियुक्ति करें। हर साल अक्टूबर में ड्राफ्ट रोल तैयार किया जाता है और नए लोगों को जोड़ा जाता है। उन लोगों को हटाया जाता है, जो शिफ्ट हो गए हैं या जिनकी मृत्यु हो गई हो।’
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) January 7, 2025
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को लिस्ट की दो प्रतियां दी जाती हैं। इसके अलावा हर मामले में व्यक्तिगत सुनवाई की जाती है। जिस वोटर का नाम डिलीट करने का आवेदन आता है, उसके परिजन से या उससे संपर्क किया जाता है। मृत्यु की दशा में डेथ सर्टिफिकेट लगने पर ही लिस्ट से नाम हटता है।
ईवीएम को लेकर भी दूर किए भ्रम
राजीव कुमार ने ईवीएम को लेकर भी एक बार फिर भ्रम दूर किए। उन्होंने कहा कि ईवीएम पोलिंग बूथ पर आने से लेकर स्ट्रॉन्ग रूम में जाने तक राजनीतिक दलों के एजेंट को प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। उन्हें मतों तक की जानकारी दी जाती है कि किस मशीन में कितने वोट पड़े हैं।
महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों को लेकर भी दी चेतावनी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने पूर्व सांसद व कालकाजी सीट से भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी का नाम लिए बिना महिलाओं के खिलाफ की जाने वाली अभद्र टिप्पणियों की भी कटु निंदा की और इन्हें शर्मनाक बताया। साथ ही ऐसा कृत्य करने वालों को अपरोक्ष रूप से चेतावनी भी दे डाली।
‘यदि हमने क्रिमिनल एक्शन लेना शुरू कर दिया तो ठीक नहीं‘
राजीव कुमार ने कहा, ‘यदि महिलाओं के लिए कोई भी गलत बोले तो उसकी जितनी भर्त्सना की जाए, कम है। यदि हमने क्रिमिनल एक्शन लेना शुरू कर दिया तो ठीक नहीं है। वोटरों को फैसला लेने दीजिए। मैं चेतावनी दे रहा हूं। बच्चों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए। एक तरफ सशक्तिकरण हो रहा है, दूसरी तरफ महिलाओं को ऐसा बोल रहे हैं। यदि जरूरत पड़ी तो हम लाइन क्रॉस करेंगे और एक्शन लेंगे।’
दरअसल चुनाव आयोग से महिलाओं के खिलाफ विवादित बयान दिए जाने को लेकर सवाल किया गया था। इसमें रमेश बिधूड़ी की ओर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी का उदाहरण दिया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने पर कालकाजी की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों की तरह बना देंगे।