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ईडी का दावा – अवैध धन जुटाने के लिए मनीष सिसोदिया और ‘आप’ ने लागू की थी नई आबकारी नीति

ईडी का दावा – अवैध धन जुटाने के लिए मनीष सिसोदिया और ‘आप’ ने लागू की थी नई आबकारी नीति

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नई दिल्ली, 1 जून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा है कि ‘आप’ और विशेष रूप से दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लगातार अवैध धन उत्पन्न करने के लिए 2021-22 आबकारी नीति को लागू किया गया था।

जांच एजेंसी ने एक अभियुक्त से रिश्वत प्राप्त करने का भी आरोप लगाया

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच जारी है और केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसी ने सिसोदिया पर मामले में शामिल एक अभियुक्त से ‘रिश्वत’ प्राप्त करने का भी आरोप लगाया और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन्हें ‘अपराध की आय’ करार दिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी शिकायत में कहा कि अमित अरोड़ा ने दिनेश अरोड़ा के माध्यम से मनीष सिसोदिया को जीओएम रिपोर्ट/उत्पाद नीति 2021-22 में अपने पक्ष में नीतिगत बदलाव प्राप्त करने के लिए 2.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह रकम सीधे सरकारी अधिकारी को रिश्वत या किकबैक है और पीएमएलए, 2002 की धारा 2(1) (यू) के तहत अपराध की आय मानी जाती है। इस तरह, मनीष सिसोदिया ने अपराध की इस आय के निर्माण में भाग लिया है।

अमित अरोड़ा शराब कम्पनियों बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, पॉपुलर स्पिरिट्स और केएसजेएम स्पिरिट्स एलएलपी के प्रमोटर हैं, जबकि दिनेश अरोड़ा को सिसोदिया का करीबी बताया जाता है।

मनीष सिसोदिया के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत 

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को इस पांचवीं चार्जशीट (पहले सिसोदिया को आरोपित के रूप में नामजद) पर संज्ञान लिया और उनके खिलाफ एक जून के लिए पेशी वारंट जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद से मनीष सिसोदिया केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच का सामना कर रहे हैं। ‘आप’ नेता को  ईडी ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह बंद थे क्योंकि सीबीआई ने उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किया था।

मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट भी दायर है, जिसमें उन्हें मुख्य आरोपित बनाया गया है। इस चार्जशीट में कहा गया है कि सिसोदिया ने अपराध की आय (2.2 करोड़ रुपये) हासिल की और उसी को छुपाने में की कोशिश भी। आगे कहा गया है कि आबकारी नीति “कुछ निजी संस्थाओं या खिलाड़ियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से तैयार की गई थी” और “अवैध और आपराधिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए जानबूझकर खामियों” के साथ बनाई गई थी।

सिसोदिया पर जांच बाधित करने और डिजिटल सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप

ईडी ने सिसोदिया पर जांच को बाधित करने और सबूत मिटाने के लिए डिजिटल सबूतों को नष्ट करने में शामिल होने का भी आरोप लगाया। इसके अलावा सीबीआई ने भी मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में केस दर्ज किया है जिसमें उन पर आरोप है कि घोटाले के समय उन्होंने 4 मोबाइल फोन / आईएमईआई का इस्तेमाल किया और बाद में उसे नष्ट भी कर दिया। एजेंसी ने कहा कि इसकी जांच में पाया गया कि इन 14 मोबाइल फोन पर 43 सिम का इस्तेमाल किया गया था।

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