ईडी का शिकंजा : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के परिवार और कम्पनियों की 4.81 करोड़ की संपत्तियां कुर्क
नई दिल्ली, 5 अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने मंगलवार को देश के दो बड़े राजनेताओं पर काररवाई की। जांच एजेंसी ने एक तरफ महाराष्ट्र में एक भूमि घोटाले के सिलसिले में शिवसेना सांसद संजय राउत और उनके करीबियों की 11.15 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कीं तो इधर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के परिवार और उनकी कम्पनियों की 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क कर दीं।
ईडी ने कहा कि धन शोधन की जांच के सिलसिले में यह काररवाई की गई। 57 वर्षीय जैन इस समय अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, बिजली, गृह, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और जल मंत्री हैं।
उल्लेखनीय है ईडी ने 2018 में शकूर बस्ती से आम आदमी पार्टी (आप) विधायक से इस मामले के सिलसिले में पूछताछ की थी। ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने संपत्तियों की कुर्की के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है।
सत्येंद्र जैन के सहयोगी और परिवार के सदस्य कुर्की आदेश में नामित हैं
लगभग 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजीत प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन से संबंधित हैं।
ईडी ने कहा कि इन राशियों का उपयोग जमीन की खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के वास्ते लिए गए ऋण की अदायगी के लिए किया गया था। अधिकारियों के अनुसार कुर्की आदेश में नामित व्यक्ति जैन के सहयोगी और परिवार के सदस्य हैं।
आरोप – जैन ने 2018 से पहले कई कई करोड़ रुपये के ‘काले धन‘ का शोधन किया
‘आप’ नेता जैन के खिलाफ धनशोधन का ईडी का मामला अगस्त, 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ा है। सीबीआई ने दावा किया है कि जैन ने 2018 से पहले के पांच वर्षों में दिल्ली में उनके द्वारा नियंत्रित कम्पनियों के नाम पर 200 बीघा कृषि भूमि खरीदी और कई करोड़ रुपये के ‘काले धन का शोधन’ किया।
आरोप लगाया गया था कि जैन ने पूर्व में इन कम्पनियों को या तो निदेशकों में से एक के रूप में या इन कम्पनियों के एक तिहाई शेयरों को अपने नाम पर या अपने परिवार के सदस्यों या अन्य लोगों के नाम पर लिया था।
सीबीआई ने कहा था कि 2010-16 के बीच दिल्ली के औचंडी, बवाना, कराला और मोहम्मद माजवी गांवों में 200 बीघा जमीन खरीदने के लिए धन का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था। आयकर विभाग ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और जैन से कथित रूप से जुड़ी ‘बेनामी संपत्ति’ को कुर्क करने का आदेश जारी किया था।