एफआईएच नेशंस कप विजेता भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रत्येक खिलाड़ी को मिलेंगे 2-2 लाख रुपये मिलेंगे
वेलेंसिया, 18 दिसम्बर। भारतीय महिला हॉकी टीम ने यहां मेजबान स्पेन को 1-0 से हराकर प्रथम एफआईएच नेशंस कप जीत लिया। आठ देशीय टूर्नामेंट में अपराजेय रहते हुए भारतीय महिलाओं ने चैंपियन का श्रेय अर्जित करने के साथ ही 2023-24 की प्रो लीग में अपनी जगह पक्की कर ली।
2023-24 की प्रो लीग में जगह भी पक्की हुई
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के लिए गुरजीत कौर ने छठे मिनट में पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदला, जो निर्णायक साबित हुआ। हॉकी इंडिया ने इस शानदार उपलब्धि पर भारतीय टीम की प्रत्येक सदस्य के लिए दो लाख रुपये और सभी सहयोगी स्टाफ के लिए एक लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है।
Congratulations to @TheHockeyIndia Women's Team on winning decorated #FIHNationsCup 🏆
And with this win, India has qualified for the 2023-24 @FIHProLeague 🏑Nation is proud of our Star Players ! pic.twitter.com/jNYj8yvBtU
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 18, 2022
भारतीय महिला टीम ने अपने अभियान का अंत लगातार पांच जीत के साथ किया। कोच यानेके शोपमैन की टीम ने सेमीफाइनल में आयरलैंड को शूटआउट में 2-1 से हराया था। उस दौरान कप्तान और गोलकीपर सविता पूनिया के शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल से पहले पहले ग्रुप चरण में चिली (3-1), जापान (2-1) और दक्षिण अफ्रीका (2-0) को शिकस्त दी थी।
A group of fans followed this India team halfway across the world to see them win the #FIHNationsCup and the players couldn’t be more grateful 💙
Captain @savitahockey thanked them for their support all week – they even got a trophy lift 😂🏆@TheHockeyIndia | @watchdothockey pic.twitter.com/Od9ZXqBkh1
— International Hockey Federation (@FIH_Hockey) December 17, 2022
मुकाबले की बात करें तो पहला पेनाल्टी कॉर्नर स्पेन ने हासिल किया, लेकिन भारतीय गोलकीपर सविता ने शानदार बचाव किया। वहीं भारत को शॉर्ट कॉर्नर मिलते ही ड्रैग-फ्लिकर गुरजीत कौर ने स्पेनिश गोलकीपर क्लारा पेरेज के बाईं ओर अचूक निशाने से गेद जाल से उलझा दी और भारत को पहले क्वार्टर में आगे कर दिया। इसके बाद बचे तीन क्वार्रट में स्पेन ने तीन और भारत ने दो पेनाल्टी कॉर्नर जाया किए और अंत में एक गोल की बढ़त भारत के लिए निर्णायक साबित हुई।