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दिवाली की बिक्री रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा – स्वदेशी उत्पादों की रही मजबूत मांग 

दिवाली की बिक्री रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा – स्वदेशी उत्पादों की रही मजबूत मांग 

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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को इस वर्ष दिवाली की बिक्री में हुई वृद्धि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिवाली पर बिक्री के आंकड़े जीएसटी रेट कट और स्वदेशी उत्पादों की मजबूत मांग के कारण रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए।

सीतारमण ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बयान का हवाला दिया, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि इस वर्ष दिवाली की बिक्री में 5.4 लाख करोड़ रुपये कीमत की वस्तुओं की बिक्री और 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं की बिक्री शामिल हैं।

देश की ट्रेडिंग हिस्ट्री में अब तक की सबसे अधिक बिक्री

कैट की रिसर्च विंग, रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के अनुसार, यह 2024 की नवरात्रि से दिवाली तक की अवधि के 4.25 लाख करोड़ रुपये की त्योहारी बिक्री की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है और देश की ट्रेडिंग हिस्ट्री में अब तक की सबसे अधिक बिक्री है। सर्वे के अनुसार, कुल बिक्री में मुख्य खुदरा क्षेत्र का योगदान लगभग 85 प्रतिशत रहा, जो कि खुदरा बाजार के मजबूत पुनरुद्धार का संकेत देता है।

जीएसटी रेट कट से खरीदारी में तेजी

कन्फेक्शनरी, होम डेकोर, फुटवियर, रेडीमेड गारमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसी प्रमुख कंज्यूमर और रिटेल कैटेगरी में जीएसटी रेट कट से मूल्य प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण सुधार हुआ और खरीदारी में तेजी आई। सर्वे में कहा गया है कि लगभग 72 प्रतिशत सर्वे में शामिल ट्रेडर्स ने बताया कि उनकी बिक्री बढ़ने का कारण जीएसटी रेट कट है।

दिवाली के व्यापार में उछाल

उपभोक्ताओं ने त्योहारी मांग के बीच स्थिर कीमतों पर अधिक संतुष्टि व्यक्त की, जिससे दिवाली के बाद भी खपत जारी रही।गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि क्षेत्र भारत के विकास का एक केंद्रीय स्तंभ बनकर उभरा है, जिसे 9 करोड़ छोटे व्यवसायों, करोड़ों छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और उपभोक्ताओं के सबसे बड़े आधार द्वारा संचालित किया जाता है।

आंकड़ों से पता चलता है कि दिवाली के व्यापार में उछाल से लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, खुदरा सहायता, पैकेजिंग और डिलिवरी क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार पैदा होने का अनुमान है। बढ़ी हुई ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्रय शक्ति ने कुल बिक्री में लगभग 28 प्रतिशत का योगदान दिया।

कैट ने कहा, “इस वर्ष की दिवाली ने भारत की रिटेल और ट्रेडिंग इकोनॉमी में एक नया मानदंड स्थापित किया है, जो भारतीय उद्यम में परंपरा, टेक्नोलॉजी और ट्रस्ट के मिश्रण का प्रतीक है।”  उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष की दिवाली पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में एक प्रमुख मील का पत्थर है।

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