नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। दिल्ली के उप राज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना की ओर से अब तक मंजूरी नहीं मिलने के कारण केजरीवाल सरकार द्वारा शुरू की गई ‘दिल्ली की योगशाला’ कार्यक्रम मंगलवार से बंद हो जाएगा।
हालांकि, एलजी कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि सक्सेना को योजना जारी रखने को लेकर कोई फाइल नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि पहले भी उन्हें कोई फाइल नहीं मिली थी और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सिर्फ पत्र लिखकर योजना को जारी रखने की मांग की थी। सूत्रों ने कहा कि सिर्फ पत्र को प्रस्ताव कैसे मान सकते हैं?
इसके विपरीत दिल्ली सरकार के सूत्रों ने दावा किया कि एलजी ने 31 अक्टूबर के बाद ‘दिल्ली की योगशाला’ कार्यक्रम को जारी रखने की मंजूरी नहीं दी है। माना जा रहा है कि इससे ‘आप’ सरकार और उप राज्यपाल के बीच नए सिरे से टकराव हो सकता है।
कार्यक्रम का संचालन करने वाले दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने पिछले हफ्ते हुई अपनी बैठक में इस योजना को जारी रखने की मंजूरी दी थी।
ट्विटर पर दी गई बंद करने की जानकारी
‘दिल्ली की योगशाला’ के आधिकारिक ट्विटर पेज पर कहा गया है – “साथियों ‘दिल्ली की योगशाला’ की कक्षाएं मंगलवार 01 नवंबर 2022 से सरकारी आदेश के अनुसार बंद की जा रही हैं।” उसमें कहा गया है, “डीपीएसआरयू के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में इसे जारी रखने का निर्णय ले लिया गया, लेकिन अभी तक इसे एलजी साहब की अनुमति नहीं मिली है। भविष्य में जैसे ही कोई सूचना आती है आपको सूचित किया जाएगा।”
मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को सक्सेना से मुलाकात की थी और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की प्रमुख योजना को जारी रखने की अनुमति दी जाए। एलजी के साथ मुलाकात के बाद सिसोदिया ने कहा था कि सक्सेना ने वादा किया है कि संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया जाएगा और कुछ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा।
कार्यक्रम बंद किए जाने वाले ट्वीट को साझा करते हुए सिसोदिया ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय का बोर्ड चाहता है कि दिल्ली के आम लोगों के लिए योगशाला चले, सरकार ने बजट भी दे रखा है। फिर भी अफसरों को डरा-धमकाकर ‘दिल्ली की योगशाला’ बंद करने का आदेश जारी करा दिया गया है। फिलहाल कल से दिल्ली के पार्कों में योग की 590 क्लास (कक्षा) बंद हो जाएंगी।
सिसोदिया ने पिछले हफ्ते प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव से स्पष्टीकरण मांगा था और आरोप लगाया गया था कि वह योजना को बंद करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कार्यक्रम को जारी रखने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी और फाइल को मंजूरी के लिए एलजी को भेज दिया था।