
‘न्यूजक्लिक’ मामला : उच्च न्यायालय ने खारिज की यूएपीए के तहत गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ तथा पोर्टल के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी और उसके बाद पुलिस हिरासत में उन्हें लिए जाने की काररवाई में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
अदालत को दोनों याचिकाएं सुनवाई के लिए योग्य नहीं लगीं
पुलिस की काररवाई को चुनौती देने वाली, पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने कहा, ‘‘अदालत को दोनों याचिकाएं सुनवाई के लिए योग्य नहीं लगीं।’’ पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। बाद में उन्होंने गिरफ्तारी और सात दिन की पुलिस हिरासत के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और अंतरिम राहत के तौर पर तत्काल रिहाई की मांग की।
निचली अदालत ने 10 अक्टूबर को उन्हें दस दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उनके खिलाफ प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि भारत की ‘‘संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने’’ और देश में असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को चीन से बड़ी राशि मिली थी। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए पुरकायस्थ ने ‘पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज़्म’ (पीएडीएस) समूह के साथ मिलकर साजिश रची थी।