दलित संगठनों का ‘भारत बंद’ आज, बसपा व कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों का समर्थन
नई दिल्ली, 20 अगस्त। अनुसूचित जाति और जनजातियों में सब कैटेगरी को लेकर सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने बुधवार (21 अगस्त) को भारत बंद का एलान किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद की योजना बनाई गई है और सभी दुकानें, स्कूल और कॉलेज बंद रखने के लिए कहा गया है। इस बंद का बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और लेफ्ट के कई संगठनों ने समर्थन किया है।
जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने एक बयान में कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया हालिया फैसला नुकसानदायक होगा। वहीं राजद के प्रदेश महासचिव और मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि पार्टी ने भारत बंद को अपना समर्थन देने का एलान किया है। कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी कहा कि कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया है।
उल्लेखनीय है कि दलित एवं आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले को लेकर विरोध जताया है। उनके मुताबिक यह फैसला ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के मुद्दे पर गत एक अगस्त को फैसला सुनाया था कि अनुसूचित जाति और जनजातियों में सब कैटेगरी बनाई जा सकती है। फैसला सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने 6/1 के मत से सुनाया था। यह सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे। उनके साथ छह जजों ने इस पर सहमति जताई थी जबकि जस्टिस बेला त्रिवेदी इससे सहमत नहीं थीं।
इस बीच दलित संगठनों की ओर बुधवार को भारत बंद के एलान के मद्देनजर देशभर के कई हिस्सों में स्थानीय प्रशासन ने तैयारी कर रख है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान की राजधानी जयपुर में कलेक्टर ने बंद को देखते हुए स्कूलों और कोचिंग संस्थानों से बच्चों की छुट्टी करने का अनुरोध किया है। हालांकि इस आदेश की पुष्टि नहीं की जा सकी।