बीबीसी के कार्यालयों पर आईटी सर्वे को लेकर कांग्रेस का तंज – ‘भारत लोकतंत्र की जननी है, लेकिन पीएम पाखंड के पिता…’
नई दिल्ली, 15 फरवरी। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के दफ्तर में आयकर विभाग (आईटी) का सर्वे लगातार दूसरे दिन जारी रहा। इसे लेकर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी के 2014 के पहले के एक वीडियो का जिक्र करते हुए सवाल किया कि तब उन्होंने बीबीसी पर भरोसा जताया था, लेकिन अब ऐसा क्या हो गया कि वही बीबीसी अब इनकम टैक्स के रेडार पर आ गया। खेड़ा ने इसी क्रम में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें ‘पाखंड का पिता’ तक करार दिया है।
साहब के अतीत पर कोई प्रकाश डाल दे तो उस मीडिया हाउस का भविष्य बर्बाद कर देंगे।
ये है इनकी असलियत।
2014 से पहले इसी BBC को लेकर साहब कहते थे – हम तो भरोसा ही BBC पर करते हैं।
अब क्या हुआ?
:@Pawankhera जी pic.twitter.com/xSBAPX8J6o
— Congress (@INCIndia) February 15, 2023
खेड़ा ने कहा कि 2014 के पहले के वीडियो में नरेंद्र मोदी बीबीसी पर भरोसा जता रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के बाद ऐसा क्या हो गया, जो बीबीसी अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के रेडार पर है। खेड़ा ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘पहले वे छापा मारते हैं और तब उनके मंत्र उस चैनल को खरीद लेते हैं। ये क्या टूलकिट है? सिर्फ मीडिया संगठनों की बात नहीं है, ये पोर्ट, सीमेंट कम्पनियों के साथ भी हो रहा है। पहले एजेंसी आती है और तब अडानी।’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘2014 से पहले साहब बीबीसी को लेकर भाषण दिया करते थे और आज क्या हो गया?…कैसे हर चीज विदेशी साजिश हो सकती है? तब भारतीय मीडिया संगठनों पर छापों के पीछे क्या तर्क है? क्या आपकी विदेश नीति इतनी कमजोर है कि कोई भी भारत के खिलाफ साजिश रच सकता है? भारत लोकतंत्र की जननी है लेकिन पीएम पाखंड के पिता।’
Yes, India is the mother of democracy. But the @PMOIndia is the father of hypocrisy. https://t.co/FWXgBCfVsF
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) February 15, 2023
स्टार्ट अप इंडिया ठीक है, लेकिन हम ‘शटअप इंडिया’ नहीं होने देंगे
पवन खेड़ा ने कहा, ‘जब देश जी20 की अध्यक्षता कर रहा है तो ऐसे समय प्राइम मिनिस्टर देश की क्या छवि पेश कर रहे हैं? दुनियाभर में देश का मजाक बना दिया है।…जब पुरस्कार मिल जाए और जब कहीं तारीफ हो जाए तो कोई साजिश नहीं है, लेकिन अगर कहीं सच दिख जाए तो यह विदेशी साजिश है…स्टार्ट अप इंडिया ठीक है, लेकिन हम ‘शटअप इंडिया’ नहीं होने देंगे। कलम पर कमल का दबाव नहीं होना चाहिए।’