1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, चुनावी बॉण्ड योजना को कहा ‘प्रधानमंत्री हफ्ता वसूली योजना’
कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, चुनावी बॉण्ड योजना को कहा ‘प्रधानमंत्री हफ्ता वसूली योजना’

कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, चुनावी बॉण्ड योजना को कहा ‘प्रधानमंत्री हफ्ता वसूली योजना’

0
Social Share

नई दिल्ली, 18 मार्च। कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड मामले को लेकर सोमवार को एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह “प्रधानमंत्री हफ्ता वसूली योजना” थी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि 21 ऐसी कंपनियां है जिन्होंने प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्यवाही के बाद चुनावी बॉण्ड के रूप में चंदा दिया।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “चुनावी बॉण्ड घोटाला कितना बड़ा है यह लगातार स्पष्ट होता जा रहा है। हर गुज़रते दिन के साथ इससे जुड़े चौंकाने वाले उदाहरण सामने आ रहे हैं।” उन्होंने दावा किया, “10 नवंबर 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली सरकार की शराब नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन के मामले में अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया। पांच दिन बाद, 15 नवंबर को, अरबिंदो फार्मा ने चुनावी बॉण्ड के रूप में 5 करोड़ रुपये का चंदा दिया।”

रमेश के अनुसार, “नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने अक्टूबर, 2018 में आयकर विभाग द्वारा छापा मारे जाने के छह महीने बाद अप्रैल, 2019 में 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड ख़रीदे।” उन्होंने कहा, “7 दिसंबर, 2023 ‘रूंगटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड’ की तीन इकाइयों पर आयकर विभाग ने छापा मारा। 11 जनवरी, 2024 को कंपनी ने एक करोड़ रुपये के 50 चुनावी बॉण्ड खरीदे। इससे पहले, इस कंपनी ने केवल अप्रैल 2021 में चंदा दिया था।”

उन्होंने कहा, “ये केवल कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। कुल 21 ऐसी कंपनियां हैं, जिन्होंने सीबीआई, ईडी या आयकर विभाग की जांच के बाद चुनावी बॉण्ड के रूप में चंदा दिया है।’’ रमेश ने कहा, ” प्रधानमंत्री हफ़्ता वसूली योजना का क्रियान्वयन करने वाले ईडी और आयकर विभाग तथा चुनावी बॉण्ड घोटाले को अंजाम देने वाला भारतीय स्टेट बैंक वित्त मंत्री को रिपोर्ट करते हैं।”

उच्चतम न्यायालय के पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में अनाम राजनीतिक फंडिग की इजाजत देने वाली केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था। पीठ ने इसे “असंवैधानिक” कहा था और निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड का विवरण सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉण्ड से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक किए हैं।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code