सीएम योगी बोले – ज्ञानवापी को मस्जिद कहना ही गलत, ऐतिहासिक गलती पर मुस्लिम समाज से आना चाहिए समाधान
लखनऊ, 31 जुलाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर पहली बार टिप्पणी करते हुए कहा है कि उसे मस्जिद कहना ही गलत होगा और इस ऐतिहासिक गलती पर मुस्लिम समाज की ओर से समाधान सामने आना चाहिए।
‘त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे‘
सीएम योगी समाचार एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट पर एक साक्षात्कार के दौरान ज्ञानवापी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वह देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे। वहां ज्योतिर्लिंग हैं, देवप्रतिमाएं हैं। दीवारें चिल्ला चिल्ला कर क्या कह रही हैं?’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से प्रस्ताव आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है, उस गलती के लिए हम चाहते हैं समाधान हो।’
‘देश संविधान से चलेगा, किसी के मत और मजहब से नहीं‘
एक अन्य सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा, ‘देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता। आप मत और मजहब अपने तरीके से होगा। अपने घर में होगा। आपके मस्जिद, इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और आपको किसी दूसरे पर नहीं थोप सकते हैं। देश में किसी को रहना है तो उसे राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा, अपने मत और मजहब को नहीं।
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 31, 2023
‘6 साल से ज्यादा समय से यूपी का सीएम हूं, वहां कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ‘
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं छह साल से ज्यादा समय से यूपी का सीएम हूं। वहां पिछले छह साल में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। बड़ी-बड़ी बात करने वाले ये लोग देखें कि कैसे चुनाव होते हैं। यूपी के चुनाव देखिए और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हुए, क्या हाल हुआ। वे लोग पश्चिम बंगाल बनाना चाहते हैं देश को। जिस तरह से वहां टीएमसी सरकार ने किया।’
‘कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर देना चाहते हैं‘
सीएम योगी ने कहा, ‘कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर देना चाहते हैं। ये पश्चिम बंगाल में देखने को मिला। विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को मारा गया। ये चीजें आंखों को खोलने वाली हैं। इस पर ये लोग बोलते नहीं हैं। 1990 में कश्मीर में जो कुछ हुआ, ये सब लोग मौन रहे।’