सीएम सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया – कर्नाटक में अभी नहीं हटा हिजाब से प्रतिबंध
बेंगलुरु, 23 दिसम्बर। कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर लागू प्रतिबंध खत्म करने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को स्पष्ट किया, ‘अब तक ऐसा (हिजाब पर प्रतिबंध हटाने का फैसला) नहीं किया है। किसी ने मुझसे हिजाब पर प्रतिबंध हटाने पर सवाल पूछा था। इस पर मैंने जवाब दिया कि सरकार इसे रद करने पर विचार कर रही है।
ओवैसी का तंज – मुस्लिम वोटर्स खुश होंगे
इस बीच सिद्धारमैया के बयान पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उन पर तंज कसा है। ओवैसी ने कहा, ‘आपको सत्ता में आए 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन आप अब तक यही सोच रहे हैं कि मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा का अधिकार होना चाहिए या नहीं। इसमें विचार करने की क्या बात है?
It has been over 6 months since you came to power. What is there to “contemplate” in whether Muslim girls should have a right to education or not? Thanks to @siddaramaiah for clarifying that the hijab ban still continues to be enforced by “secular” Congress govt. The Muslims who… https://t.co/RdtXk9SR4v
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 23, 2023
ओवैसी ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्पष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद कि ‘धर्मनिरपेक्ष’ कांग्रेस सरकार द्वारा हिजाब पर प्रतिबंध अब भी लागू किया जा रहा है। साथ ही तंज कसते हुए कहा कि जिन मुसलमानों ने आपको वोट दिया, वे बहुत खुश होंगे।
हिजाब बैन हटने की शुरुआती खबरों पर हमलावर हो उठी थी भाजपा
गौरतलब है कि कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन हटाने की शुरुआती खबरों के बीच भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमलावर हो गई थी। भाजपा ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा था, ‘सीएम सिद्धारमैया का निर्णय वोटों की खातिर लिया गया है। यह हमारे शैक्षणिक स्थानों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के बारे में चिंता पैदा करता है।’
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक पोशाक की अनुमति देकर सिद्धारमैया सरकार युवा दिमागों को धार्मिक आधार पर विभाजित करने को बढ़ावा दे रही है। विभाजनकारी प्रथाओं पर शिक्षा को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है, जहां छात्र धार्मिक प्रथाओं के प्रभाव के बिना शिक्षाविदों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
इसके बाद कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि भाजपा संविधान के बारे में जानती है। हम सब कुछ कानून के दायरे में ही कर रहे हैं। भाजपा को संविधान पढ़ना चाहिए। कोई भी कानून/नीति/योजना जो भी हो कर्नाटक के लिए अच्छा नहीं है और प्रगति को नजरअंदाज कर रहा है, यदि आवश्यकता हुई तो उस कानून या नीति को हटा दिया जाएगा।’