चंद्रयान-3 : प्रज्ञान रोवर के पास अब सिर्फ 7 दिन का समय शेष, फिर 14 दिनों तक चांद पर रहेगा अंधेरा
नई दिल्ली, 30 अगस्त। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर अपना एक सप्ताह पूरा कर लिया है। 23 अगस्त को लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम से बाहर आए प्रज्ञान रोवर ने सल्फर (एस), और ऑक्सीजन (ओ) सहित कई रासायनिक तत्वों की उपस्थिति की पुष्टि की है। फिलहाल हाइड्रोजन (एच) की खोज जारी है। लेकिन अपने काम को अंजाम देने के लिए प्रज्ञान रोवर के पास अब सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है।
सौर ऊर्जा से चलने वाला प्रज्ञान चंद्र रात्रि के वक्त पूरी तरह काम नहीं कर पाएगा
इसरो ने बताया है कि चंद्रमा पर रात होने से पहले डेटा इकट्ठा करने के लिए प्रज्ञान रोवर के पास पृथ्वी के कुल 14 दिन हैं। दरअसल चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। एक बार 14 दिन की समय सीमा समाप्त होने के बाद चंद्रमा के पास सूर्य के संपर्क के बिना दो सप्ताह की अवधि होगी। यानी कि तब चंद्रमा पर रात होगी। चूंकि प्रज्ञान एक सौर ऊर्जा से चलने वाला रोवर है, इसलिए यह पूरी तरह काम नहीं कर पाएगा।
चंद्रमा पर रात के समय तापमान -133 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है
चंद्रमा पर जब रात होगी, तब इसका तापमान -133 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इतने कम तापमान पर प्रज्ञान रोवर के लिए काम करना मुश्किल होगा। इस अवधि के दौरान रोवर विक्रम लैंडर के संपर्क में रहेगा, लेकिन इसका इसरो से कोई सीधा संबंध नहीं होगा। एक बार मिशन पूरा होने के बाद लैंडर और रोवर पृथ्वी पर वापस नहीं आएंगे।
इसरो को उम्मीद – चंद्र रात्रि समाप्त होने के बाद दोनों फिर से काम करना शुरू कर देंगे
हालांकि इसरो की अगले सप्ताह के बाद इन्हें से स्टार्ट करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि चंद्र रात्रि समाप्त होने के बाद दोनों फिर से काम करना शुरू कर देंगे। अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। साथ ही इसरो को चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए और ज्यादा समय मिल जाएगा।
गौरतलब है कि अतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में यह पहला मौका है, जब चांद के साउथ पोल की मिट्टी की जांच हो रही है। मिशन पर गया प्रज्ञान रोवर रोज नई जानकारी जुटा रहा है और इसे धरती पर इसरो के वैज्ञानिकों के साथ साझा कर रहा है। रोवर को अब तक चंद्रमा के सतह पर अनियमित तापमान के होने की जानकारी मिली है। प्रज्ञान की भेजी जानकारी के अनुसार सतह पर तापमान लगभग 50 डिग्री था, जबकि सतह से केवल 8 सेमी नीचे तापमान -10 डिग्री तक गिर गया. और सतह से लगभग 1-2 सेमी ऊपर 60-70 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
प्रज्ञान को चांद पर सल्फर ऑक्सीजन और एल्युमिनियम समेत कई तत्व मिले हैं, जो वहां पानी की खोज के लिए इसरो के दावे को और मजबूती देता है। अगर चांद पर हाइड्रोजन मिलता है तो वो अब तक की सबसे बड़ी खोज होगी।
Beyond Borders, Across Moonscapes:
India's Majesty knows no bounds!.Once more, co-traveller Pragyan captures Vikram in a Snap!
This iconic snap was taken today around 11 am IST from about 15 m.
The data from the NavCams is processed by SAC/ISRO, Ahmedabad. pic.twitter.com/n0yvXenfdm
— ISRO (@isro) August 30, 2023
प्रज्ञान ने भेजी विक्रम लैंडर की तस्वीर
इस बीच इसरो ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव में उतरने के बाद प्रज्ञान रोवर द्वारा खींची गई विक्रम लैंडर की बुधवार को तस्वीर जारी की। यह तस्वीर रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरे (नवकैम) द्वारा ली गई है। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के आधिकारिक हैंडल पर कहा, “चंद्रयान-3 मिशन : कृपया मुस्कुराएं! प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की। ‘मिशन की तस्वीर’ रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरे (नवकैम) ने ली है।”
