केंद्र ने पश्चिम बंगाल और ओडिसा में दो कोयला गैसीकरण संयंत्रों की स्थापना को मंजूरी दी
नई दिल्ली, 24 जनवरी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक सौ मीट्रिक टन कोयला गैसीकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड को पश्चिम बंगाल और ओडिश में दो कोयला गैसीकरण संयंत्र की स्थापना की मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है।
वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोल गैस उत्पादन का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हुए निर्णय की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सोनपुर बाजारी क्षेत्र में कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस बनाने संबंधी परियोजना पर 13 हजार 52 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) का संयुक्त उपक्रम है।
प्रह्लाद जोशी ने बताया कि ओडिसा के झारसुगडा जिले में महानदी कोलफील्डस लिमिटेड में अमोनियम नाइट्रेट बनाने संबंधी परियोजना पर 11 हजार 782 करोड रुपये का निवेश होगा। यह कोल इंडिया लिमिटेड और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) का संयुक्त उपक्रम है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन श्रेणियों में कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को मंजूरी दी।
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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) January 24, 2024
उन्होंने बताया कि 2028-29 तक ये परियोजनाएं चालू हो जाएंगी। सरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के जरिए कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस बनाने संबंधी परियोजना की स्थापना के लिए इक्विटी निवेश के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी है। कोल इंडिया लिमिटेड और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के जरिए कोयले से अमोनियम नाइट्रेट बनाने संबंधी परियोजना की स्थापना के लिए भी स्वीकृति दी गई है।
कोयला व लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं पर खर्च होंगे 8,500 करोड़
जोशी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सरकारी उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कोयला तथा लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं की संवर्धन योजना को भी मंजूरी दे दी है। कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन के रूप में इस योजना का परिव्यय आठ हजार पांच सौ करोड़ रुपये रखा गया है।