पंजाब : वकील को प्रताड़ित करने के आरोप में एसपी सहित छह पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज
चंडीगढ़, 26 सितम्बर। पंजाब के मुक्तसर जिले में एक वकील को हिरासत में प्रताड़ित करने, अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए उकसाने, गलत तरीके से कैद करने और उसे जान से मारने की धमकी देने के आरोप में पंजाब के एक पुलिस अधीक्षक समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक (जांच) रमनदीप सिंह भुल्लर, अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) प्रभारी और निरीक्षक रमन कुमार कंबोज, कांस्टेबल हरबंस सिंह, भूपिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह और होम गार्ड दारा सिंह के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया गया। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के सदस्यों ने आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग करते हुए काम से अनुपस्थित रहने का ऐलान किया है।
पुलिस ने 14 सितम्बर को सीआईए प्रभारी कंबोज की शिकायत के बाद वकील और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। कंबोज के मुताबिक दोनों ने पुलिस की टीम पर हमला किया था और उनकी वर्दी फाड़ दी थी। वकील और एक अन्य व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद वकील ने पुलिस पर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था। उनके बयान के बाद, मुक्तसर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने 22 सितंबर के अपने आदेश में पुलिस को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 2 (डी) के अनुसार पीड़ित के बयान को शिकायत के रूप में माना जाता है, जिसमें प्रथम दृष्टया अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए उकसाने और कारावास में चोट पहुंचाने, उसके जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा करने जैसे संज्ञेय अपराध शामिल हैं।” अदालत ने आदेश दिया, “उनके बयान के अवलोकन के बाद उनके द्वारा नामजद पुलिस अधिकारियों/अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
इसलिए संबंधित थाना सदर श्री मुक्तसर साहिब के थाना प्रभारी को पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू करने का निर्देश दिया जाता है। पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377, धारा 342 (गलत कारावास) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) सहित अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।