1. Home
  2. हिन्दी
  3. चुनाव
  4. कलकत्ता हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी – रामनवमी पर बंगाल के हिंसा वाले क्षेत्रों में चुनाव रोकने की दी चेतावनी
कलकत्ता हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी – रामनवमी पर बंगाल के हिंसा वाले क्षेत्रों में चुनाव रोकने की दी चेतावनी

कलकत्ता हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी – रामनवमी पर बंगाल के हिंसा वाले क्षेत्रों में चुनाव रोकने की दी चेतावनी

0
Social Share

कोलकाता, 23 अप्रैल। कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल  में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर सख्त टिप्पणी की है और  स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि वह उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देगा, जहां राम नवमी समारोह के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा देखी गई है। हालांकि, हिंसाग्रस्त जगह को लेकर चुनाव रोकने के संबंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

चुनाव आयोग से कहा – बरहामपुर निर्वाचन क्षेत्र में स्थगित करें चुनाव

उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही चुनाव आयोग से मौजूदा स्थिति को देखते हुए बरहामपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित करने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा, ‘हमारा प्रस्ताव है कि हम भारत के चुनाव आयोग को एक सिफारिश करेंगे कि जो लोग शांति से जश्न नहीं मना सकते, उन्हें चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हम चुनाव आयोग को प्रस्ताव देंगे कि बरहामपुर (मुर्शिदाबाद क्षेत्र) में चुनाव टाल दिया जाए। दोनों पक्षों की यह असहिष्णुता अस्वीकार्य है।’

यदि लोग इस तरह लड़ रहे तो वे निर्वाचित प्रतिनिधियों के लायक नहीं

गौरतलब है कि रामनवमी के दिन मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया है। बेंच ने कहा कि यदि लोग शांति और सद्भाव में नहीं रह सकते हैं, तो हम कहेंगे कि चुनाव आयोग इन जिलों में संसदीय चुनाव नहीं करा सकता। यही एकमात्र तरीका है। आचार सहिंता लागू होने के बावजूद, यदि लोगों के दो समूह इस तरह लड़ रहे हैं तो वे किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधियों के लायक नहीं हैं।

अदालत ने ममता सरकार को भी लगाई फटकार, मांगी रिपोर्ट

कलकता हाई कोर्ट ने राज्य में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार को भी फटकार लगाते हुए कहा, ‘चुनाव सात मई और 13 मई को हैं। हम कहेंगे कि चुनाव कराने ही नहीं चाहिए। ऐसे चुनाव का क्या फायदा? कोलकाता में भी 23 स्थान ऐसे हैं, जहां जश्न मनाया गया, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।’

अदालत ने तीखे लहजे में कहा कि यदि आचार सहिंता लागू होने पर ऐसा हो रहा है, तो राज्य पुलिस क्या करती है? केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं? दोनों झड़पों को रोक नहीं सके। अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है? अदालत के सवाल पर राज्य की तरफ पेश हुए वकील ने कहा कि सीआईडी ने अब जांच अपने हाथ में ले ली है। कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामे के रूप में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code