कैबिनेट ने कोटा-बूंदी ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के विकास को दी मंजूरी, कटक-भुवनेश्वर में छह लेन का रिंग रोड
नई दिल्ली, 19 अगस्त। केंद्र सरकार राजस्थान के कोटा-बूंदी ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का 1507 करोड़ रुपये की लागत से विकास करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को कोटा-बूंदी में हवाई अड्डे के विकास के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
➡️ #Cabinet approves development of #GreenFieldAirport at Kota-Bundi (Rajasthan) at an estimated cost of Rs. 1507.00 Crore
➡️ Government of Rajasthan has transferred 440.06 hectares of land to @AAI_Official for development of a Greenfield Airport, suitable for operation of… pic.twitter.com/DBxpXQUskd
— PIB India (@PIB_India) August 19, 2025
केंद्रीय कैबिनेट कुल 9,814 करोड़ रुपये की परियेाजनों को अपनी मंजूरी दे दी। कोटा-बूंदी हवाई अड्डे के विकास के अलावा ओडिशा के कटक और भुवनेश्वर में छह लेन की एक्सेस-नियंत्रित रिंग रोड बनाने की भी मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर 8,307 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
कोटा-बूंदी हवाई अड्डे के लिए मुफ्त जमीन देगी राजस्थान सरकार
केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा परियोजना को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की ओर से वित्त पोषित किया जाएगा। हवाई अड्डे के लिए 1,089 एकड़ जमीन राजस्थान सरकार मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। नए हवाई अड्डे की क्षमता प्रति वर्ष 20 लाख यात्रियों को संभालने की होगी। हवाई अड्डा क्षेत्रीय संपर्क में उल्लेखनीय सुधार करेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
हवाई अड्डे की क्षमता प्रति वर्ष 20 लाख यात्रियों को संभालने की होगी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एएआई इस परियोजना का वित्तपोषण अपने आंतरिक स्रोतों से करेगा और इसके 24 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश में चालू हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 2025 में 162 हो गई है। हवाई यात्रियों की संख्या भी 2014 के 16.8 करोड़ से बढ़कर इस वर्ष 41.2 करोड़ हो गई है।
ओडिशा की रिंग रोड परियोजना पर खर्च होंगे 8308 करोड़ रुपये
वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा में हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर छह लेन की एक्सेस-कंट्रोल्ड कैपिटल रीजन रिंग रोड (भुवनेश्वर बाईपास) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इसकी कुल पूंजी लागत 8,307.74 करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में, मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामेश्वर और तांगी के बीच संपर्क अत्यधिक शहरीकृत शहरों – खोरधा, भुवनेश्वर और कटक से होकर गुजरने वाले उच्च यातायात के कारण काफी भीड़भाड़ का सामना करता है।
➡️ #Cabinet approves construction of 6-Lane Access-Controlled Capital Region Ring Road (Bhubaneswar Bypass, 110.875 km) in Odisha on Hybrid Annuity Mode (HAM) at capital cost of Rs.8307.74 crore
➡️ The project will provide significant benefit to Odisha and other eastern States… pic.twitter.com/61fR3kJ5Sz
— PIB India (@PIB_India) August 19, 2025
6-लेन वाले प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राजमार्ग के रूप में विकसित होगी 110 किमी लंबी परियोजना
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, 110 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को 6-लेन वाले प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राजमार्ग के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है। बयान में कहा गया, ‘यह परियोजना कटक, भुवनेश्वर और खोरधा शहरों से भारी वाणिज्यिक यातायात को हटाकर ओडिशा और अन्य पूर्वी राज्यों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगी। इससे माल ढुलाई की दक्षता बढ़ेगी, रसद लागत कम होगी और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।’
यह परियोजना तीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच-55, एनएच-57 और एनएच-655) और एक राज्य राजमार्ग (एसएच-65) से जुड़ा है। यह ओडिशा में प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और रसद नोड्स को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
