1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. आजम खान के बाद रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की सदस्यता पर खतरा? हाई कोर्ट ने भेजी नोटिस
आजम खान के बाद रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की सदस्यता पर खतरा? हाई कोर्ट ने भेजी नोटिस

आजम खान के बाद रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की सदस्यता पर खतरा? हाई कोर्ट ने भेजी नोटिस

0
Social Share

रामपुर, 25 मई। सपा के कद्दावर नेता मो. आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद किए जाने के बाद पिछले वर्ष रामपुर में हुए उपचुनाव के दौरान पहली बार भाजपा का कमल खिलाने वाले आकाश सक्सेना की सदस्यता पर भी अब तलवार लटकने लगी है।

आकाश ने उपचुनाव में सपा के आसिम रजा को शिकस्त दी थी

दरअसल आकाश सक्सेना ने सपा उम्मीदवार आसिम रजा को करारी शिकस्त देकर आजम का किला ढहा दिया था। फिलहाल अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी की है। इसकी वजह यह है कि उपचुनाव के दौरान सपा विधायक आसिम रजा ने आकाश सक्सेना पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और इसे लेकर वह हाई कोर्ट चले गए थे।

सपा उम्मीदवार आसिम रजा ने आकाश पर लगाया था चुनाव में धांधली का आरोप

आसिम रजा ने आकाश सक्सेना पर लगाए आरोप में कहा था कि एक वर्ग विशेष के वोटरों को वोट डालने से रोकने के लिए आकाश सक्सेना की तरफ से कई हथकंडे अपनाए गए। आसिम रजा ने यह भी कहा था कि रामपुर सीट पर हुए आकाश सक्सेना के निर्वाचन को रद किया जाए और वहां नए सिरे से चुनाव कराया जाए। आसिम की याचिका पर हाई कोर्ट ने आकाश सक्सेना को नोटिस जारी की है। अगस्त महीने के पहले हफ्ते तक उन्हें अपना जवाब दाखिल करना होगा।

33 हजार वोटों से रामपुर उपचुनाव जीते थे आकाश सक्सेना

रामपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा नेता आजम खां के बेहद करीब आसिम रजा को 33 हजार मतों से पराजित कर जीत हासिल की थी। आकाश को कुल 80,964 वोट मिले थे जबकि, उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी आसिम राजा को 47262 मत प्राप्त हुए थे।

तीन साल की सजा मिलने के बाद आजम की गई थी सदस्यता

गौरतलब है कि भड़काऊ भाषण के मामले में आजम खान को तीन साल की सजा हो गई थी। इसके बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता को रद कर दिया गया था। विधायकी जाने के फैसले का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। लेकिन उनको राहत नहीं मिल सकी थी।

जिस मामले में गई सदस्यता, उसी केस में आजम हुए बरी

फिलहाल काफी दिनों से बुरी खबरों से जूझ रहे आजम को बुधवार को बड़ी राहत मिली, जब भड़काऊ भाषण मामले में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए उन्हें बरी कर दिया था। कोर्ट के फैसले की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन के न्याय विभाग को भेज दी गई, जिससे हाई कोर्ट में अपील के बारे फैसला किया जा सके।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code