विधानसभा उपचुनाव : यूपी, बिहार व राजस्थान में भाजपा का वर्चस्व, बंगाल में TMC की बादशाहत कायम
नई दिल्ली, 23 नवम्बर। महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा के साथ ही देश के 13 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो राज्यों की दो लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनाव के परिणाम शनिवार को देर शाम तक घोषित कर दिए गए और इनमें अधिकतर सीटों पर सत्तारूढ़ दलों का दबदबा रहा।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ, राजस्थान की सात, पश्चिम बंगाल की छह, असम की पांच, पंजाब और बिहार की चार-चार, कर्नाटक और केरल की तीन-तीन, मध्य प्रदेश की दो और छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड तथा मेघालय की एक-एक सीट पर उपचुनाव हुआ।
विधानसभा उपचुनाव परिणाम पर एक नजर
इस क्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व उसके सहयोगियों ने उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में दबदबा कायम किया तो बंगाल में तृणमूल कांग्रेस व कर्नाटक में कांग्रेस का वर्चस्व रहा। सिक्किम में दो सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की।
लोकसभा में कांग्रेस की 2 सीटें बढ़ीं
वहीं नांदेड़ व वायनाड संसदीय सीटें कांग्रेस ने अपने पास बरकरार रखीं। इसके साथ ही लोकसभा में कांग्रेस सांसदों की संख्या में दो की बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केरल की वायनाड सीट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 4.1 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर अपनी पहली चुनावी जीत हासिल की। वहीं महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट पर नाटकीय उलटफेर देखने को मिला, जब अधिकतर समय तक पिछड़े कांग्रेस उम्मीदवार ने अंतिम कुछ राउंड की काउटिंग में बाजी मार ली।
उधर तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में सूपड़ा साफ किया। तृणमूल कांग्रेस को छह, आम आदमी पार्टी (आप) को तीन और समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिली हैं। केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और राजस्थान में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को एक-एक सीट मिली।
पंजाब की चार सीटों के लिए आए उपचुनाव परिणाम में कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप सिंह ढिल्लों ने बरनाला विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की है जबकि ‘आप’ उम्मीदवारों ने चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा की तीन सीटों पर जीत हासिल की है।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में लचर प्रदर्शन के बाद सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। गठबंधन के उम्मीदवारों ने नौ में से सात सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा ने चार सीटें – गाजियाबाद, खैर, मझवां और फूलपुर बरकरार रखी जबकि कटेहरी और कुंदरकी को सपा से छीन ली। वहीं उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने एक सीट बरकरार रखी। समाजवादी पार्टी के पास पूर्व में नौ में से चार सीटें थीं, जिनमें वह दो सीट – सीसामऊ और करहल ही बरकरार रख सकी।
राजस्थान में सत्तारूढ़ भाजपा ने सात में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की। इस प्रकार उसने पूर्व की स्थिति के मुकाबले तीन सीट कांग्रेस से और एक आरएलपी से छीनी है। भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और कांग्रेस ने एक-एक सीट बरकरार रखी।
बिहार में सत्तारूढ़ राजग ने सभी चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की है। राजग ने इमामगंज (हम) पर कब्जा बरकरार रखा है तथा तरारी (भाजपा), रामगढ़ (भाजपा) और बेलागंज (जद-यू) को ‘इंडिया’ गठबंधन से छीन लिया है। इससे अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उसे मजबूती मिली है।
मेघालय में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को भी मजबूती मिली है क्योंकि पार्टी उम्मीदवार और मुख्यमंत्री मेहताब चांडी की पत्नी अगितोक संगमा ने गाम्बेग्रे उपचुनाव जीत लिया।
कर्नाटक में कांग्रेस ने उपचुनाव में सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। उसने भाजपा और उसकी सहयोगी जनता दल (एस) से एक-एक सीट छीनी है। केरल में उसने पलक्कड़ विधानसभा सीट बरकरार रखी जबकि सत्तारूढ़ एलडीएफ ने चेलाक्कारा विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
असम में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों – असम गण परिषद (अगप) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ मिलकर राज्य की सभी पांच विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। अगप और यूपीपीएल ने क्रमशः बोंगाईगांव और सिदली (एसटी) सीट बरकरार रखीं। भाजपा ने बेहाली और धोलाई (एससी) सीट बरकरार रखीं और कांग्रेस से सामागुरी सीट छीन ली।
गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने वाव विधानसभा सीट कांग्रेस से छीन ली तथा छत्तीसगढ़ में रायपुर सिटी दक्षिण विधानसभा सीट और उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी कब्जा बरकरार रखा। मध्य प्रदेश में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई बुधनी सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। लेकिन उसे झटका तब लगा, जब राज्य के मंत्री रामनिवास रावत विजयपुर विधानसभा सीट हार गए और कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की।
रावत ने 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सीट जीती थी, लेकिन फिर भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें मोहन यादव सरकार में वन मंत्री बनाया गया। उन्होंने 1990, 1993, 2003, 2008 और 2013 में भी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में श्योपुर जिले के विजयपुर से जीत हासिल की थी।
सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार आदित्य गोले और सतीश चंद्र राय सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुए।