बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद विधायक चंद्रशेखर के बिगड़े बोल, कहा- नफरत बोता है राम चरित मानस
पटना, 12 जनवरी। बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद के विधायक चंद्रशेखर प्रसाद ने राम चरित मानस को लेकर एक विवादित बयान दिया है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद (Chandrashekhar Prasad) बुधवार (11 जनवरी) को बिहार (Bihar) की राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान चंद्रशेखर प्रसाद ने मंच से भाषण देते हुए कहा कि राम चरित मानस समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है।
- चंद्रशेखर प्रसाद का पूरा बयान
नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में बिहार (Bihar) के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पूछा कि आप भारत को ताकतवर नफरत से बनाएंगे या मोहब्बत से ? जब सभागार में बैठे बच्चों की ओर से आवाज आई ‘मोहब्बत से’ तो शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि देश में कुछ विचार ऐसे चले हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं और यह विचार आज के नहीं हैं बल्कि तीन हजार साल पहले जब मनुस्मृति लिखी गयी यह विचार वहीं से आए हैं।
चंद्रशेखर प्रसाद ने राम चरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ शूद्रों का अपमान करता है। यह ऐसा ग्रंथ है जो नफरत बोता है। चंद्रशेखर प्रसाद ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि बाबा साहब ने मनुस्मृति को इसलिए जलाया था क्योंकि यह दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है।
- आरएसएस पर भी साधा निशाना
चंद्रशेखर प्रसाद ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस और इससे जुड़े हुए लोग समाज में नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं। चंद्रशेखर प्रसाद ने सभागार के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह ग्रंथ अलग-अलग युग में नफरत फैलाने का बीज बोते हैं। एक युग में मनुस्मृति दूसरे युग में राम चरित मानस और तीसरे युग में गोलवलकर का बंच ऑफ़ थोट्स ने नफरत फैलाने में अपनी भूमिका निभाई है।