बिहार : विकासशील इंसान पार्टी ने भाजपा को दिया तनाव, यूपी में 165 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान
पटना, 27 जुलाई। बिहार सरकार के मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने सोमवार को इस घोषणा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तनाव में ला दिया कि अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 165 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ज्ञातव्य है कि भाजपा के नेतृत्व वाले बिहार एनडीए की सहयोगियों पार्टियों में वीआईपी भी शामिल है। लेकिन मुकेश सहनी राज्य में नीतीश कुमार की अगुआई वाली जदयू सरकार की ओर से उनकी पार्टी की अनदेखी से असहज बताए जा रहे हैं और आज मंत्री आवास पर आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर भी की।
- बिहार एनडीए में सिर्फ भाजपा व जदयू ही सबसे आगे
एनडीए की आज ही हुई बैठक में शामिल नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘बिहार में एनडीए कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। बिहार एनडीए में चार पार्टियों का गठबंधन है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से केवल भाजपा और जदयू को ही सबसे आगे देखा गया है। जब हमारी कोई बात मानी ही नहीं जाती और सुनी भी नहीं जाती तो फिर ऐसी बैठक में जाने का कोई मतलब ही नहीं है।’
उन्होंने कहा कि एनडीए में रहने के बावजूद गठबंधन के भीतर ही उनकी बात को तवज्जो नहीं दी जाती। यही वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई एनडीए की बैठक में वह और उनके विधायक शामिल नहीं हुए।
- पिछले वर्ष महागठबंधन छोड़ एनडीए में हुए थे शामिल
हालांकि सहनी ने कहा कि वह एनडीए के साथ हैं और सरकार में शामिल हैं। सरकार में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है और वह एनडीए के साथ ही रहेंगे। ‘मल्लाह के बेटे’ के नाम से मशहूर सहनी ने पिछले वर्ष अक्टूबर/नवंबर में विधानसभा चुनाव से तनिक पहले राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की ओर से हुई सीट बंटवारे की घोषणा के तुरंत बाद महागठबंधन को छोड़ दिया था और एनडीए में शामिल हो गए थे।
- वाराणसी हवाईअड्डे पर रोके जाने से भी नाराज
मुकेश रविवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी हवाई अड्डे पर रोके जाने से भी नाराज थे। दरअसल, शहर में फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वाराणसी गए सहनी को पुलिस ने एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं आने दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं योगी जी (यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ) से अनुरोध करता हूं कि वह किसी जाति विशेष के बारे में न सोचें, किसी मंत्री को हिरासत में लेना सही नहीं है।’