स्वाति मालीवाल केस : तीस हजारी कोर्ट से बिभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
नई दिल्ली, 18 मई। आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका शनिवार को खारिज हो गई।
अदालत ने कहा – गिरफ्तारी के बाद सुनवाई का कोई औचित्य नहीं बनता
तीस हजारी कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कुमार की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है, जिसके चलते सुनवाई का कोई औचित्य नहीं बनता। कुमार की जमानत अर्जी निरर्थक हो गई है। बहस पूरी होने के बाद सरकारी अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि बिभव कुमार को अपराह्न 4.15 बजे गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले आदेश सुरक्षित रखा गया था।
वहीं बिभव कुमार की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन ने कहा, ‘मैंने तर्क दिया कि कोई मामला नहीं है और यह अंतरिम जमानत का मामला है। मैंने अग्रिम जमानत के लिए वकालत की है क्योंकि सीसीटीवी फुटेज और कवरेज में जो देखा गया है, उनका बयान तीन दिन की देरी से दिया गया है। आदेश आज के लिए सुरक्षित रखा गया है।’
AAP का आरोप – भाजपा के दवाब में दिल्ली पुलिस ने खेल खेला
एक अन्य वकील और AAP लीगल सेल के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष संजीव नासैर ने कहा, ‘हमें यह आशंका थी कि जैसे ही उसे लगेगा कि अदालत आश्वस्त है और उसने आदेश सुरक्षित रख लिया है, दिल्ली पुलिस कोई खेल खेल सकती है। दिल्ली पुलिस ऐसा अपने आप नहीं कर रही है, वह राजनीतिक दबाव में ऐसा कर रही है। भाजपा बौखला गई है, उसे लग रहा है कि वह आम चुनाव हार रही है। ये उसी साजिश का एक हिस्सा था।’
गौरतलब है कि पुलिस ने बिभव कुमार को शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री आवास से हिरासत में लिया, जिसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए सिविल लाइंस थाने ले जाया गया।
मुख्यमंत्री आवास पर घटना का नाटकीय रूपांतरण
इसके एक दिन पहले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ मालीवाल को घटना के नाटकीय रूपांतरण के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर लेकर गई थी। घटनाक्रम की पुष्टि के लिए मुख्यमंत्री के आवास से आठ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज एकत्र किए गए। साथ ही पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास के सुरक्षाकर्मियों एवं अन्य कर्मियों समेत कम से कम 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जो 13 मई को कथित हमले के वक्त मौके पर मौजूद थे।
मालीवाल ने लगाए हैं ये आरोप
वहीं मालीवाल ने शुक्रवार को ही तीस हजारी अदालत में मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को जब वह मुख्यमंत्री से मिलने गई थीं, तब उनके सहयोगी बिभव कुमार ने उनपर पूरी ताकत से प्रहार किया, उन्हें थप्पड़ मारा तथा छाती एवं पेट पर लात से मारी।