भूपेंद्र पटेल ने ‘रीजनल वाइब्रेंट समिट’ और ‘एजेंडा 2035’ के जरिए गुजरात के विकास का खाका किया पेश
पोरबंदर। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कस्बों एवं गांवों पर ध्यान केंद्रित करने वाले ‘रीजनल वाइब्रेंट समिट’ (क्षेत्रीय जीवंत शिखर सम्मेलन) और राज्य को बदलने के खाके ‘एजेंडा 2035’ समेत कई नयी विकास-केंद्रित पहलों की शुक्रवार को घोषणा की। सीएम पटेल ने महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर शहर में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ये घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री ने तिरंगा फहराने के बाद अपने संबोधन में कहा कि (राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ की बदौलत गुजरात उद्योगों के भविष्य का एक वैश्विक प्रवेश द्वार बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब, हम कस्बों और गांवों में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए ‘रीजनल वाइब्रेंट समिट’ शुरू करने की योजना बना रहे हैं।’’
उन्होंने शहरी विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण के तहत अन्य पहलों की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘छोटे शहरी केंद्रों के सुनियोजित विकास के लिए हम 100 नगर-नियोजन या टीपी योजनाओं को मंजूरी देंगे। एक लाख या उससे कम आबादी वाले 55 शहरों के लिए जीआईएस-आधारित विकास योजना या डीपी तैयार की जाएगी। ऐसी ही डीपी पोरबंदर के लिए भी तैयार की जाएगी। पोरबंदर अब एक नगर निगम है।’’
उन्होंने घोषणा की कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समान विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री ग्राम उत्थान योजना शुरू करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से एक दशक बाद 2035 में गुजरात अपने गठन के 75 वर्ष पूरे कर लेगा। उन्होंने कहा, ‘‘2035 में गुजरात जब अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब तक समग्र विकास और जन-समर्थक शासन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ‘एजेंडा 2035’ ला रही है, जो ‘संपूर्ण सरकार’ के आदर्श वाक्य के साथ राज्य को बदलने का खाका है।’’
