विपक्षी एकता की बैठक से पहले AAP ने कांग्रेस को दिया अल्टीमेटम, रखी ये शर्त
नई दिल्ली, 22 जून। लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकता को लेकर शुक्रवार को पटना में प्रस्तावित विपक्षी दलों की अहम बैठक से पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया है।
‘कांग्रेस को दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर हमारा समर्थन करना चाहिए‘
केजरीवाल की पार्टी ने शर्त रखते हुए कहा है कि यदि कांग्रेस केंद्र सरकार के उस विवादास्पद अध्यादेश के खिलाफ उसके अभियान का समर्थन नहीं करती है, जिसका उद्देश्य दिल्ली की प्रशासनिक सेवाओं को नया स्वरूप देना है, तो वह शुक्रवार को होने वाली प्रमुख विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होंगी।
सीएम केजरीवाल पटना पहुंचे, पटना साहिब में माथा टेका
‘आप’ सूत्रों ने कहा, ‘कांग्रेस को दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर हमारा समर्थन करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो हम विपक्ष की बैठक का बहिष्कार करेंगे और भविष्य में विपक्षी बैठकों से दूर रहेंगे।’ हालांकि ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पटना पहुंच गए हैं। गुरुवार को उन्होंने पटना में पटना साहिब में माथा टेका।
Delhi CM @ArvindKejriwal, Punjab CM @BhagwantMann और AAP MPs @SanjayAzadSln, @raghav_chadha ने पटना साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेका।
सभी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का आशीर्वाद लिया और देश को तानशाही ताक़तों से बचाने के लिए प्रार्थना की। pic.twitter.com/sPYtYIItP0
— AAP (@AamAadmiParty) June 22, 2023
उधर, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ‘आप’ के द्वारा दिए अल्टीमेटम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपना फिर से एक नाटकीय बयान दिया है कि कांग्रेस अगर अपना अध्यादेश के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करेगी तो वो पटना में विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस का जवाब – ‘केजरीवाल जी, आपको कोई मिस नहीं करेगा‘
संदीप दीक्षित ने कहा, ‘केजरीवाल जी आपको कोई मिस नहीं करेगा..आप वहां जाएं या न जाएं। हम लोग तो पहले से ही जानते थे कि विपक्ष की बैठक में न शामिल होने के लिए ‘आप’ तो बहाने ढूंढ रहे थे। आपको बता दूं कि ये देश की चिंता करने वालों की बैठक है… सौदाबाजों की बैठक नहीं है।’
पिछले महीने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किया गया अध्यादेश, दिल्ली के नौकरशाहों पर नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास करता है। ‘आप’ ने इस कदम की आलोचना करते हुए तर्क दिया है कि यह दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को देने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को कमजोर करता है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस शुक्रवार को विपक्ष की बैठक में अध्यादेश पर अपना रुख साफ करेगी।