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‘आप’ की महारैली में गरजे अरविंद केजरीवाल – चौथी पास अहंकारी राजा को समझ नहीं आ रहा कि देश कैसे चलाएं

‘आप’ की महारैली में गरजे अरविंद केजरीवाल – चौथी पास अहंकारी राजा को समझ नहीं आ रहा कि देश कैसे चलाएं

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नई दिल्ली, 11 जून। आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान पर रविवार को महारैली की। इस दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर जमकर घेरा और केंद्र पर दिल्ली में स्कूल से लेकर मोहल्ला क्लीनिक समेत अन्य विकास कार्यक्रमों में बाधा डालने का आरोप लगाया।

अरविंद केजरीवा ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए यह भी कहा कि चौथी पास अहंकारी राजा को समझ नहीं आ रहा कि देश को कैसे चलाना है। केजरीवाल ने 2000 के नोट को लाने और फिर वापस लेने पर भी तंज कसा। उन्होंने अपने भाषण के अंत में चौथी पास राजा की एक कहानी भी सुनाई।

इस कहानी को सुनने से आपके परिवार पर कृपा बरसेगी

केजरीवाल ने कहा कि किस-किस ने यह कहानी सुनी है। इस कहानी का महात्म्य है कि इस कहानी को जितनी बार सुनोगे, जितनी बार सुनाओगे, उतनी ही भगवान की कृपा आपके परिवार के ऊपर बरसेगी। उन्होंने कहा कि इस कहानी का जितना प्रचार प्रसार करोगे, उतना देश की तरक्की होगी। उतना समाज की तरक्की होगी। तो जिन लोगों ने कहानी सुनी है, वो भी बड़े ध्यान से दुबारा सुनना। अच्छे से सुनना और इसका खूब प्रचार प्रसार करना।

दिल्ली के सीएम ने कहानी की शुरुआत करते हुए कहा कि यह एक चौथी पास राजा की कहानी है। एक अहंकारी राजा की कहानी है, एक भ्रष्टाचारी राजा की कहानी है। आप लोगों ने राजा और रानी की कई कहानियां सुनी होंगी। इस कहानी में राजा तो है, रानी नहीं है।

ज्योतिषि ने की भविष्यावाणी – लड़का सम्राट बनेगा

केजरीवाल ने कहा कि एक महान देश था। कई हजार साल पुराना देश। उस देश के एक गांव में एक बच्चा पैदा हुआ। बहुत गरीब घर में एक बच्चा पैदा हुआ। जैसे गांव के अंदर बच्चा पैदा होने पर ज्योतिषि आते हैं, वे बच्चे का भविष्य बताते हैं। ऐसे ही गांव का ज्योतिषि आया। उसने बच्चे की कुंडली देखी। बच्चे की मां को बोला कि माई तेरा बेटा बड़ा होकर बहुत बड़ा सम्राट बनेगा। माई को समझ नहीं आया कि मैं इतनी गरीब, मेरा परिवार इतना गरीब मेरा बेटा सम्राट कैसे बनेगा। खैर बच्चा, धीरे-धीरे बड़ा होने लगा। गांव के सरकारी स्कूल में उसका एडमिशन करा दिया। उसका पढ़ने लिखने में मन नहीं लगता था। पढ़ते-पढ़ते चौथी क्लास में आते ही उसने नाम कटवा लिया।

बचपन से ही भाषण बहुत अच्छा देता था

केजरीवाल ने आगे कहा कि गांव के बगल में एक रेलवे स्टेशन था। घर में बहुत गरीबी थी। वो बच्चा वहां स्टेशन पर जाकर चाय बेचने लगा। चाय बेचकर अपना गुजारा करता था। वह भाषण बहुत अच्छा देता था। बचपन से बड़ा अच्छा भाषण देता था। गांव के लड़कों को इकट्ठा करलेता और भाषण देना चालू कर देता। धीरे-धीरे आसपास के गांव में फैल गया कि ये बच्चा भाषण बड़ा अच्छा देता है। आसपास के लड़के भी इकट्ठे हो गए। कोई भी टॉपिक हो भाषण देना चालू कर देता। वो रुकता ही नहीं था घंटों-घंटों तक भाषण देता था। बच्चा बड़ा हुआ। ज्योतिषि ने कहा था, बच्चा बड़ा होकर महान देश का सम्राट बन गया।

अनपढ़ होने की बात फैली तो फर्जी डिग्री का जुगाड़ कर लिया

राजा तो अनपढ़ था, उसे कुछ पता नहीं था। अफसर आते उस अनपढ़ राजा से जहां मर्जी साइन करा लेते थे। जहां मर्जी जो मर्जी साइन कराया। वो राजा अनपढ़ था, उसे लगता था कि मैं अगर अफसरों से पूछुंगा तो मेरी कमजोरी सबके सामने प्रकट हो जाएगी। अफसरों को लगेगा कि मेरे को कुछ आता नहीं है। अफसर जो मर्जी लेकर आते वहां साइन कर देता था। धीरे-धीरे पूरे देश के अंदर फैल गया कि राजा अनपढ़ है। राजा को बड़ा बुरा लगने लगा। इस पर राजा ने कहीं से फर्जी डिग्री का जुगाड़ कर लिया। एमए की डिग्री का। राजा बोला मैं एमए हूं। पर सच्चाई तो पूरे देश को पता थी। राजा तो अनपढ़ था। धीरे-धीरे राजा अहंकारी भी होता गया। अहंकारी राजा और उसपर अनपढ़। जो भी उस राजा के पास जाता कुछ भी पास कराके ले आता।

नोटबंदी के बाद देश का बेड़ा गर्क हो गया

एक बार कुछ लोग गए और कहा कि नोटबंदी कर दो। नोटबंदी करने से भ्रष्टाचार, आतंकवाद खत्म हो जाएगा। उन्होंने राजा की खूब चमची मारी और राजा ने एक दिन शाम को 8 बजे टीवी पर आकर नोटबंदी कर दी। पूरे देश का बेड़ा गर्क हो गया। बैकों के सामने लंबी-लंबी लाइनें लग गई। कई लोग मर गए। दुकानें बंद हो गईं। रोजगार बंद हो गए। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज बंद हो गई। पूरे देश का बेड़ा गर्क हो गया। फिर कोई बोला कि 2000 का नोट ले आओ। राजा 2000 का नोट ले आया। 4 साल बाद कुछ लोग बोले की 2000 का नोट बंद कर दो। राजा ने 2000 का नोट बंद कर दिया। राजा को अक्ल तो थी नहीं। राजा बेवकूफ था, अनपढ़ था। एक बार कुछ लोगों ने कहा कि किसानों के कानून बना दो। इस कानून से किसानों का भला होगा। राजा ने कानून बना दिए। पूरे देश के किसान सड़कों पर उतर आए। आंदोलन में 750 किसानों की मौत हो गई। एक साल बाद राजा को तीनों कानून वापस लेने पड़े।

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