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पाकिस्तान में तोड़ा गया एक और हिन्दू मंदिर, कराची स्थित 150 वर्ष पुराना मरी माता मंदिर खतरनाक ढांचा बताकर ढहाया गया

पाकिस्तान में तोड़ा गया एक और हिन्दू मंदिर, कराची स्थित 150 वर्ष पुराना मरी माता मंदिर खतरनाक ढांचा बताकर ढहाया गया

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इस्लामाबाद, 16 जुलाई। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ जारी हिंसा के बीच एक और हिन्दू मंदिर को जबरन तोड़ दिया गया है। सिंध प्रांत की राजधानी कराची में करीब 150 वर्ष पुराने मरी माता मंदिर को पुराना और खतरनाक ढांचा बताते हुए रात के अंधेरे में ध्वस्त कर दिया गया।

मंदिर ध्वस्त किए जाने के बाद हिन्दू समुदाय दहशत में

गौर करने वाली बात यह है कराची के भीड़भाड़ वाले सोल्जर बाजार इलाके में मौजूद मंदिर ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस ने मंदिर गिराने वालों को सुरक्षा प्रदान की। सुबह जब मंदिर के पुजारी पहुंचे तो उन्होंने 150 वर्ष पुराने पवित्र पूजा स्थल को ध्वस्त पाया। मंदिर गिराए जाने के बाद इलाके में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोग दहशत में हैं।

पुलिस की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण की काररवाई की गई

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर गिराने की घटना शुक्रवार देर रात हुई, जब इस इलाके में बिजली नहीं थी। तभी खुदाई करने वाली और मकान तोड़ने वाली कई मशीनें इलाके में पहुंची। उन्होंने बाहरी दीवारों और मुख्य द्वार को बरकरार रखते हुए अंदर की पूरी संरचना को तहस-नहस कर दिया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बुलडोजर और अन्य उपकरण चलाने वाले व्यक्तियों को ‘कवर’ देने के लिए एक पुलिस वाहन भी घटनास्थल पर मौजूद था।

अतिक्रमण करने वालों की पहले से थी मंदिर पर नजर

कराची में मरी माता मंदिर मुखी चोहितराम रोड पर स्थित है, जो सोल्जर बाजार पुलिस स्टेशन के बहुत करीब है। निकट ही स्थित एक अन्य बहुत पुराने श्री पंच मुखी हनुमान मंदिर के महंत राम नाथ मिश्र महाराज ने अखबार को बताया कि यह एक बहुत पुराना मंदिर है। उन्होंने यह भी कहा, ‘ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण 150 साल पहले हुआ था। हमने इसके आंगन में दबे पुराने खजानों के बारे में भी कहानियां सुनी हैं। यह मंदिर लगभग 400 से 500 वर्ग गज में फैला हुआ है। इस मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों की पहले से ही नजर थी। उन्होंने कई बार इस मंदिर पर कब्जे की कोशिश भी की थी।

मद्रासी हिन्दु समुदाय करता था मंदिर का प्रबंधन

राम नाथ मिश्र महाराज ने बताया कि मरी माता मंदिर का प्रबंधन मद्रासी हिन्दू समुदाय करता था। यह कहा जा रहा था कि यह बहुत पुरानी और खतरनाक संरचना थी, जो किसी भी दिन गिर सकती थी। मंदिर प्रबंधन ने बहुत दबाव के बाद अनिच्छा से, लेकिन अस्थायी रूप से देवी-देवताओं की मूर्तियों को दूसरे मंदिरों में स्थापित कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस मंदिर में नवीकरण कार्य के होने तक एक कमरा भी लिया गया था, जिसमें जरूरी सामान रखे गए थे। लेकिन शुक्रवार की रात मरी माता मंदिर बिल्कुल जमींदोज हो गया।

पुलिस बोली – हिन्दु समुदाय की सहमति से खतरनाक संरचना ध्वस्त की गई

स्थानीय थाने के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया क्योंकि इसे अधिकारियों द्वारा खतरनाक संरचना घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि मंदिर कराची के मद्रासी हिन्दू समुदाय द्वारा संचालित था और वे लोग इस बात से सहमत थे कि संरचना बहुत पुरानी और खतरनाक थी। अधिकारी के अनुसार मंदिर मैनेजमेंट ने भारी मन से देवी-देवताओं की मूर्तियों को एक छोटे कमरे में शिफ्ट कर दिया।

मंदिर की जगह कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने की तैयारी थी

इस बीच, मद्रासी हिन्दू समूह के एक सदस्य रमेश ने दावा किया कि उन्हें दो लोगों ने जबरन मंदिर छोड़ने के लिए मजबूर किया। इन दोनों के नाम मरान हाशमी और रेखा उर्फ नागिन बाई है। सदस्य ने यह भी बताया कि उसने सुना था कि दोनों लोग मंदिर को किसी अन्य पार्टी को 70 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) में बेच रहे थे। नया खरीदार मंदिर की जगह पर कोई कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने की तैयारी में था।

फिलहाल हिन्दू समुदाय ने पाकिस्तान-हिन्दू परिषद, सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह और सिंध पुलिस के महानिरीक्षक से तत्काल मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की अधिकतर हिन्दू आबादी सिंध प्रात में बसी है। यहां हिन्दू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।

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