इम्फाल, 27 सितम्बर। अशांत पर्वोत्तर राज्य मणिपुर में दो छात्रों की हत्या से फिर तनाव फैलता जा रहा है। इस क्रम में नाराज भीड़ ने बुधवार को भाजपा के एक मंडल कार्यालय में आग लगा दी। थौबल जिले में स्थित भाजपा कार्यालय में आगजनी हुई, जिस पर भीड़ ने हमला बोल दिया।
बताया जा रहा है कि ये लोग राज्य में दो छात्रों की हत्या को लेकर भड़के हुए हैं। गुस्साई भीड़ ने कार्यालय के गेट को तोड़ दिया और खिड़कियां भी तोड़ी गईं। साथ ही परिसर के भीतर खड़े एक वाहन की विंडशील्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। राज्य में सत्ताधारी दल के दफ्तर में काफी देर तक हंगामा चलता रहा।
यह पहला मामला नहीं है, जब भाजपा कार्यालय पर भीड़ ने हमला किया हो। इससे पहले इसी साल जून में राज्य में बढ़ते जातीय तनाव के दौरान उपद्रवियों ने तीन भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़ की थी।
पूर्वी व पश्चिमी इम्फाल जिलों में फिर कर्फ्यू लागू
ज्ञातव्य है कि मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA) को अगले छह महीने के लिए फिर बढ़ा दिया गया है। घाटी के 19 थानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। एन बीरेन सिंह सरकार हिंसक प्रदर्शनों से जूझ रही है और पूर्वी व पश्चिमी इम्फाल जिलों में फिर कर्फ्यू लगा दिया गया है। पिछले दो दिनों में इन प्रदर्शनों में 65 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
2 मणिपुरी युवकों को अगवा कर हुई हत्या
राजधानी इंफाल में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दो युवकों के अपहरण व उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित काररवाई का भरोसा दिलाया। जांच में मदद के लिए एक विशेष विमान से सीबीआई की टीम यहां पहुंची। शाह ने सिंह को फोन कर उन्हें आश्वासन दिया कि जिन लोगों ने दो मणिपुरी युवकों को अगवा कर उनकी हत्या की, उन्हें गिरफ्तार कर दंडित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा, ‘केंद्र और राज्य सरकार इस मामले को लेकर बहुत गंभीर हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल शाम मुझे कॉल किया और कहा कि वह खासतौर पर इस मामले की जांच के लिए एक सीबीआई टीम भेज रहे हैं।’
सीएम बोले – गंभीर चोटों के मामले में होगी जांच
यह मामला गत छह जुलाई को दो युवकों के लापता होने से शुरू हुआ और 28 अगस्त को इसे केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया गया। लापता छात्रों के शव की तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों को लगी चोटों के संदर्भ में मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ‘अगर सुरक्षा बलों ने गोलियां या कुछ भी घातक हथियार इस्तेमाल किए हैं, तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक काररवाई की जाएगी। गंभीर चोटों के मामले में जांच की जाएगी और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली कि लोहे से बनी वस्तुएं बदमाशों ने सुरक्षा बलों पर फेंकी गईं, जिससे कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।