भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का अनावरण, विजेता कप्तान को दिया जाएगा पटौदी पदक
लीड्स, 19 जून। पूर्व भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर और पूर्व अंग्रेज पेसर जेम्स एंडरसन ने भारत व इंग्लैंड के बीच शुक्रवार से यहां शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का औपचारिक रूप से अनावरण किया।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने मिलकर दोनों देशों के बीच होने वाली सीरीज का नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखा है। इससे अब यह भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच के लिए पटौदी ट्रॉफी (इंग्लैंड में सीरीज के लिए) और एंथोनी डि मेलो ट्रॉफी (भारत में सीरीज के लिए) की जगह लेगी।
Two cricketing icons. One special recognition 🤝
The legendary Sachin Tendulkar and James Anderson pose alongside the new 𝘼𝙣𝙙𝙚𝙧𝙨𝙤𝙣-𝙏𝙚𝙣𝙙𝙪𝙡𝙠𝙖𝙧 𝙏𝙧𝙤𝙥𝙝𝙮 🏆#TeamIndia | #ENGvIND | @sachin_rt | @jimmy9 pic.twitter.com/4lDCFTud21
— BCCI (@BCCI) June 19, 2025
यह ट्रॉफी पहले 14 जून को लांच होनी थी, लेकिन अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना के कारण इसकी तारीख आगे खिसका दी गई। ट्रॉफी में एंडरसन और तेंदुलकर की ‘एक्शन’ की छवि है और साथ ही उनके उभरे हुए हस्ताक्षर भी हैं।
पटौदी परिवार ने कथित तौर पर ईसीबी व बीसीसीआई से संपर्क किया था
उल्लेखनीय है कि मीडिया में ऐसी खबरें आने के बाद कि ट्रॉफी का नाम जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा जाने वाला है, पटौदी परिवार ने कथित तौर पर ईसीबी और बीसीसीआई से संपर्क किया था। पटौदी परिवार ने तेंदुलकर से भी संपर्क करके प्रबंधन से भारतीय और इंग्लिश क्रिकेट दोनों में उनके योगदान के लिए पटौदी का नाम रखने का अनुरोध किया था। पटौदी परिवार के प्रति सम्मान बरकरार रखते हुए भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के विजेता कप्तान को नए पटौदी पदक से सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में एक तेंदुलकर ने एक दशक से भी अधिक समय पहले अपने 200वें टेस्ट के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, वहीं एंडरसन ने अपना 188वां और आखिरी टेस्ट 2024 में खेला था।
16 वर्ष की उम्र में पदार्पण करने वाले तेंदुलकर 15,921 रनों के साथ टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हुए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 32 टेस्ट मैचों में 51.73 के औसत से 2,535 रन बनाए हैं। उन्होंने 2002 में हेडिंग्ली में सर्वश्रेष्ठ 193 रनों का स्कोर बनाया था।
वहीं स्विंग के महान गेंदबाजों में शुमार एंडरसन ने 704 टेस्ट विकेट झटके हैं, जो किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट हैं। वह सर्वकालिक सूची में केवल मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और शेन वार्न (708 विकेट) से पीछे तीसरे स्थान पर हैं।
सचिन बोले – ‘मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट जीवन का प्रतीक है’
ट्रॉफी का अनावरण करते हुए लिटिल जीनियस तेंदुलकर ने कहा कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट हमेशा शीर्ष पर बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट जीवन का प्रतीक है, जिसमें आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हो और अगर चीजें गलत हो जाती हैं तो इसमें आपको फिर से एक और दिन एकजुट होने, सोचने और वापसी का मौका देता है।’
सचिन ने कहा, ‘यह खेल का शीर्ष प्रारूप है, जो आपको सभी बाधाओं से निबटने के लिए सहनशीलता, अनुशासन और अनुकूलनता सिखाता है। मैं टेस्ट क्रिकेट को अपनी नींव का श्रेय देता हूं क्योंकि इसने मुझे निराशाओं से जीत तक पहुंचाया और उम्मीदों को पूरा करते हुए दिखाया है।’
यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा
तेंदुलकर ने कहा कि भारत और इंग्लैंड ने पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ‘भारत और इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट को इस तरह से आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई है कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। और अब, जब मैं मैदान पर मुझे चुनौती देने वाले और मैदान के बाहर ‘जेंटलमैन’ जेम्स के साथ यह सम्मान साझा कर रहा हू तो मुझे उम्मीद है कि दुनिया टेस्ट क्रिकेट के सार का और भी अधिक जश्न मनाएगी।’
एंडरसन बोले – ‘यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात’
वहीं एंडरसन ने कहा कि यह उनके और तेंदुलकर के लिए वास्तव में सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, ‘सचिन और मेरे नाम पर इस प्रतिष्ठित सीरीज का नाम रखना मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है। हमारे दोनों देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता हमेशा से ही कुछ खास रही है, जो कभी नहीं भुलाने वाले पलों से भरी हुई है।’
यह सचिन व एंडरसन के योगदान के लिए उचित सम्मान – रोजर बिन्नी
बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने इस मौके को अहम बताते हुए कहा, ‘यह क्रिकेट के लिए सही मायने में एक महत्वपूर्ण मौका है। भारत और इंग्लैंड के बीच प्रतिष्ठित टेस्ट सीरीज का नाम खेल के दो महान खिलाड़ियों – सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखना उनके योगदान के लिए उचित सम्मान है।’
