अफ्रीका के बाहर फैलने लगा एमपॉक्स, स्वीडन में मिला पहला केस, WHO ने घोषित की हेल्थ इमरजेंसी
हेलसिंकी,16 अगस्त। स्वीडन में एमपॉक्स के अधिक संक्रामक क्लेड I वैरिएंट का पहला मामला मिला है। एक दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दो साल में दूसरी बार इस बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि यह अफ्रीका के बाहर इस वैरिएंट का पहला पुष्ट मामला भी है। स्वास्थ्य एजेंसी के महामारी विज्ञानी मैग्नस गिसलेन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मरीज को अफ्रीका के उस क्षेत्र की यात्रा के दौरान संक्रमण हुआ, जहां ‘क्लेड I’ फैल रहा है। यह रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के एक दिन बाद आई हैं।
स्वास्थ्य एजेंसी ने उल्लेख किया कि, पिछले वैरिएंट के विपरीत जो मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से फैलता था, क्लेड I अब मुख्य रूप से घरेलू संपर्कों के माध्यम से फैल रहा है और अक्सर बच्चों को संक्रमित करता है। यह 2022 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले क्लेड IIबी वैरिएंट जैसी ही बीमारी का कारण बनता है, लेकिन क्लेड I के कारण स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है और इसमें मृत्यु दर भी अपेक्षाकृत उच्च है। एजेंसी ने कहा कि स्वीडन क्लेड I रोगियों के निदान, उपचार और अलगाव के लिए तैयार है। इसने पहले संकेत दिया था कि देश में वैरिएंट के अलग-अलग मामले सामने आ सकते हैं। स्वीडन ने संक्रमण की पिछली लहर में लगभग 300 एमपॉक्स क्लेड IIबी मामलों की सूचना दी थी।
इस वायरस के केस अभी तक अफ्रीका में ही मिले थे। लेकिन, अब इसके मामले अफ्रीका से बाहर भी मिलने लगे हैं। जनवरी 2023 से अब तक 27,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और लगभग 1100 मौतें दर्ज की गई हैं। यह वायरस अब कांगो के कुछ हिस्सों के अलावा पूर्वी कांगो से रवांडा, युगांडा, बुरुंडी और केन्या तक फैल गया है।
UN ने दोहराई WHO की चेतावनी संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की घोषणा को दोहराते हुए एमपॉक्स वायरस को ‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न’ बताया। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ एमपॉक्स वायरस के अफ्रीका और संभवतः महाद्वीप के बाहर के देशों में फैलने की संभावना के बारे में भी चेतावनी दे रहा है।