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ABSU के वार्षिक सम्मेलन में बोले अमित शाह – मोदी सरकार दो वर्षों में शत-प्रतिशत क्रियान्वित करेगी BTR शांति समझौता

ABSU के वार्षिक सम्मेलन में बोले अमित शाह – मोदी सरकार दो वर्षों में शत-प्रतिशत क्रियान्वित करेगी BTR शांति समझौता

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कोकराझार (असम), 16 मार्च। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि बोडो शांति समझौता कर बोडोलैंड में शांति स्थापित करने में ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और मोदी सरकार अगले दो वर्षों में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) शांति समझौते को शत-प्रतिशत क्रियान्वित करेगी। उन्होंने ABSU के 57वें वार्षिक सम्मेलन को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि आज बोडोलैंड क्षेत्र में कायम शांति, विकास और उत्साह में एबीएसयू की महत्वपूर्ण भूमिका है। एबीएसयू की भूमिका के बगैर बोडो समझौता (Bodo Accord) नहीं हो पाता और बोडोलैंड में शांति स्थापित नहीं हो पाती। इस अवसर पर शाह ने उन पांच हजार शहीदों को भी याद किया, जिन्होंने संघर्ष करके बोडोलैंड की शांति को प्रस्थापित करने का निर्णय किया।

दिल्ली की एक प्रमुख सड़क बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा के नाम से पहचानी जाएगी

शाह ने कहा कि आज जब पूरा बोडोलैंड अपने नेता बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा के बताए रास्ते पर चल रहा है, ऐसे समय में केंद्र सरकार ने दिल्ली में एक प्रमुख सड़क का नामकरण बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा के नाम पर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उपेंद्रनाथ ब्रह्मा जी की प्रतिमा का अनावरण भी किया जाएगा। मोदी सरकार और असम सरकार बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा जी का हर स्वप्न धरातल पर उतारेगी।

गृह मंत्री शाह ने कहा कि एबीएसयू शिक्षा, सशक्तिकरण और विकास को आगे ले जा रहा है। उसके प्रयास से ही आज बोडो भाषा माध्यम से विद्यार्थी 12वीं तक की परीक्षा दे पा रहे हैं। हमारी बोडो भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल हुई और आगामी कई वर्षों तक जीवित रहेगी।

केंद्र व असम सरकार ने बीटीआर समझौते की 82% शर्तों को पूरा कर दिया

अमित शाह ने कहा कि 27 जनवरी, 2020 को जब बीटीआर शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए तो विपक्ष मजाक उड़ा रहा था, लेकिन आज केंद्र सरकार और असम सरकार ने इस समझौते की 82 प्रतिशत शर्तों को पूरा कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार अगले दो वर्षों में इस समझौते को शत-प्रतिशत क्रियान्वित कर देगी। इसके बाद BTR में चिरकालिक शांति होगी।

अब दिल्ली में भी मिल रहा है मशरूम फ्रॉम बोड़ोलैंड’

उन्होंने कहा कि बीटीआर शांति समझौते के तहत सरकार ने एक अप्रैल, 2022 को पूरे बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (AFSPA) हटा लिया। भारत सरकार के ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट’ (ODOP) कार्यक्रम के तहत आज दिल्ली के होटलों में कोकराझार का मशरूम “Mushroom From Bodoland” के नाम से सबके व्यंजनों में शामिल हो रहा है। बोडोलैंड के एक दर्जन से अधिक उत्पादों को GI Tag मिल चुका है। यह बोडोलैंड में कायम शांति के कारण ही संभव हो सका है। शांति स्थापित होने के कारण ही बोडोलैंड ने ‘डूरंड कप’ टूर्नामेंट की मेजबानी की। उन्होंने बोडोलैंड के खिलाड़ियों से अपील की कि वे वर्ष 2036 में भारत में संभावित ओलम्पिक के लिए आवश्यक तैयारियों में जुट जाएं।

बोडोलैंड के विकास के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित

सहकारिता मंत्री ने कहा कि बोडोलैंड के विकास के लिए मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार और असम सरकार ने 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जबकि इस क्षेत्र की आबादी मात्र 35 लाख है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के समय बोडो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया। सोनितपुर और बिश्वनाथ जिले को BTR क्षेत्र में शामिल कर क्षेत्र का विस्तार किया गया।

अमित शाह ने कहा कि सैकड़ों युवाओं को समाज की मुख्य धारा में लाया गया है। कई सारे हथियार सरेंडर हुए हैं और पिछले तीन वर्षों में असम में नेशनल डेमक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के 4881 सदस्यों के पुनर्वास पर 287 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, इसका 90 प्रतिशत हिस्सा मोदी सरकार ने दिया है। उन्होंने कहा कि रोजगार और कौशल विकास के लिए भी ढेर सारे काम किए गए। SIP&RD, KVK, KVIC, पशुपालन, मत्स्यपालन और बागवानी सहित सभी क्षेत्रों में गैर-सरकारी संगठनों को साथ रख कर स्थानीय लोगों को आगे बढ़ाने का काम किया गया है।

400 बोडो युवाओं की असम कमांडो बटालियन में भर्ती के जरिए नई शुरुआत

गृह मंत्री ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 400 बोडो युवाओं को असम कमांडो बटालियन में भर्ती करके एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने असम में कुल नौ उग्रवादी संगठनों से समझौते करके 10,000 से ज्यादा युवाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया है। एक जमाने में जहां गोलियां चलती थीं, वहां आज बोडो युवा हाथों में तिरंगा लहरा रहे हैं। यह दृश्य पूरे देश के लिए एक संदेश है।

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